दिनकर की जन्मभूमि से बुद्ध की जन्मभूमि तक होगी अंतरराष्ट्रीय साइकिल यात्रा
भोजपुर: बिहार की औद्योगिक, सांस्कृतिक और साहित्य की राजधानी की लेकिन प्राचीन काल से चर्चा में रह रहे बेगूसराय के युवा आज भी लगातार कोई ना कोई ऐसा काम करते रहते हैं जिसकी चर्चा देश-दुनिया में होती है।
इसी कड़ी में अब बेगूसराय के 31 युवाओं का जत्था साहित्य की नगरी से शांति का संदेश लेकर भगवान बुद्ध की जन्मभूमि नेपाल के लुंबिनी जाएगा। आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी के बैनर तले साइकिल पर संडे की यह यात्रा 29 जनवरी को दिनकर की जन्मभूमि सिमरिया से निकलेगी और करीब पांच सौ किलोमीटर की यात्रा पूरी कर दो फरवरी को महात्मा बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी पहुंचेगी। वहां से यह पूरी टीम कुशीनगर भी जा सकती है, जिस पर विचार चल रहा है।
29 जनवरी को शुरू होने वाले इस अनहद यात्रा पार्ट-तीन की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस भारत-नेपाल मैत्री यात्रा की टीम में शामिल पत्रकार, खिलाड़ी, शिक्षिका, छात्र, समाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरणविद प्रत्येक दिन साइकिल चलाकर रास्ते के विभिन्न गांवों में रुकते हुए स्वच्छता और पर्यावरण आदि को लेकर लोगों को जागरूक भी करेंगे।
29 जनवरी को दिनकर जी की जन्मभूमि को नमन कर सिमरिया से चले अनहद यात्री बीहट, तेघड़ा, बछवाड़ा, शेरपुर एवं मोहद्दीनगर होते हुए 80 किलोमीटर की यात्रा कर महनार में रात्रि विश्राम करेंगे। 30 जनवरी को महनार से निकलकर हाजीपुर बस स्टैंड, सोनपुर ब्रिज, बकरपुर हाट, कुशवाहा चौक (पटना- परसा- सिवान हाइवे), सिताबगंज, पारसा फौजी, सोहों (अमनौर-तरैया रोड) होते हुए 90 किलोमीटर साइकिल चलाकर तरैया में रुकेंगे।
31 जनवरी को 81 किलोमीटर की यात्रा होगी और तरैया से चलकर बसाहा, सोनवर्षा, देवापुर, कोइनी, दानापुर होते हुए गोपालगंज के ससमुसा में ठहराव होगा। चौथे दिन एक फरवरी को ससमुसा से चलकर तमकुही राज, पडरौना, नेबुआ नौरंगिया होते हुए 91 किलोमीटर की यात्रा कर भुजौली बाजार में ठहराव होगा।
दो फरवरी को भुजौली बाजार से खड्डा, निचलौल, ठूठीबाड़ी, नौतनवां, सोनौली होते हुए 86 किलोमीटर के अंतिम दिन की यात्रा पूरी कर सभी अनहद यात्री लुंबिनी पहुंच जाएंगे। यहां यह लोग रात्रि विश्राम के बाद भगवान बुद्ध से रूबरू होंगे, उनसे प्रार्थना करेंगे कि हम सब सामाजिक जागरूकता के लिए मिथिला के दक्षिणी द्वार से आपके पास पहुंचे हैं तो आप शांति का संदेश देने के साथ-साथ दुनिया को सामाजिक जागरूकता के लिए प्रेरित करते रहें। लुंबिनी के बाद यह सभी यात्री तीन से पांच फरवरी तक की यात्रा वहां से 201 किलोमीटर दूर कुशीनगर की भी कर सकते हैं, इस पर विचार चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि आकाश गंगा रंग चौपाल द्वारा विगत 29 वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है। इसी कड़ी में उत्साही युवकों ने समाजिक जागरूकता के उद्देश्य से पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन के लिए 2014 में "साइकिल पे संडे" कार्यक्रम की शुरुआत की। तब से प्रत्येक रविवार को निकलने वाली साइकिल पे सन्डे टीम ने पौधारोपण और स्वच्छता कार्यक्रम चलाए जाने के साथ लोगों को जागरूक किया। 12 जुलाई 2020 को तीन सौवें रविवार को बीहट के 65 सौ घरों में एक साथ पौधा वितरण कर पौधा लगवाया, जो कि अपने आप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
2021 में आजादी के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य में बीहट बरौनी के 75 स्वतंत्रता सेनानी परिवारों का सम्मान किया गया। 2021 में ही अनहद यात्रा की शुरुआत की गई और पहली बार दिनकर ग्राम सिमरिया से बापू धाम मोतिहारी तक की साइकिल यात्रा हुई। 2022 में 137 बीहट के सैन्य जवानों का सम्मान किया गया और अनहद यात्रा पार्ट-टू में दिनकर ग्राम सिमरिया से बुद्धग्राम बोधगया तक साइकिल यात्रा की गई थी। इसके बाद तो अनहद यात्रियों ने सच में अनहद कर दिया है और 29 जनवरी को 31 सदस्यों की टोली राष्ट्रकवि दिनकर ग्राम सिमरिया से करीब पांच सौ किलोमीटर दूर नेपाल में स्थित गौतमबुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी तक की भारत-नेपाल मैत्री यात्रा पर रवाना हो रहे हैं।