बिहार

इंटर तीन विषयों में एक भी शिक्षक नहीं, शहर का एकमात्र महिला अंगीभूत कॉलेज

Harrison
11 Oct 2023 1:55 PM GMT
इंटर तीन विषयों में एक भी शिक्षक नहीं, शहर का एकमात्र महिला अंगीभूत कॉलेज
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बिहार | स्कूल से लेकर कॉलेज तक में शिक्षा-व्यवस्था को सुधारने में जुटी सरकार व शिक्षा विभाग 75 फीसदी उपस्थिति नहीं होने पर परीक्षा फॉर्म नहीं भरने देने व क्लास से नाम काटने की चेतावनी दे रहा है.
विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर इस दिशा में कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है, लेकिन उन स्कूल या कॉलेज का क्या जहां शिक्षकों की कमी से वर्गों का संचालन ही नहीं हो रहा. लिहाजा बच्चों के पास पढ़ाई करने का एकमात्र विकल्प सेल्फ स्टड़ी के साथ ट्यूशन, कोचिंग ही है. बावजूद विभाग का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा. बहरहाल, शहर का एकमात्र महिला अंगीभूत कॉलेज व जेपीयू के प्रमुख कॉलेजों में शामिल विद्या भवन महिला कॉलेज भी शिक्षकों की कमी की समस्या से जूझ रहा है. यहां पर इंटर में तीन जबकि स्नातक में आधा दर्जन विभाग में एक भी शिक्षक नहीं हैं. वह भी तब जब इंटर से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए लड़कियों का यह प्रमुख कॉलेज है. यहां पर शहर के अलावा ग्रामीण इलाके से भी काफी संख्या में छात्राएं इंटर व स्नातक में पढ़ने आती हैं, लेकिन विभाग में शिक्षक नहीं रहने से उनके पास बिना क्लास किए घर लौटना या फिर ट्यूशन या कोचिंग करना ही रह गया है. वहीं प्राचार्या डॉ. रीता कुमारी द्वारा इस संदर्भ में विभाग के वरीय अधिकारियों को अवगत कराए जाने के बावजूद बात सिर्फ उपर तक पहुंचाने की बात कहकर शिक्षकों की कमी से हो रही परेशानी की समस्या को वहीं खत्म कर दिया जा रहा है.
स्नातक में गृह विज्ञान, उर्दू, म्यूजिक व गणित जैसे विषय में एक भी शिक्षक नहीं हैं
जेपीयू के अंगीभूत महिला कॉलेज विद्या भवन महिला कॉलेज में इंटर में साइंस व आट्स में पढ़ाई होती है. दोनों संकाय में 520-520 सीट है. इंटर में फिजिक्स, केमेस्ट्री व गणित में एक भी शिक्षक नहीं हैं. वहीं स्नातक में गृह विज्ञान, उर्दू, म्यूजिक व गणित जैसे विषय में एक भी शिक्षक नहीं हैं. अंग्रेजी, अर्थशास्त्रत्त्, जंतु विज्ञान व इतिहास विभाग अतिथि शिक्षकों के भरोसे चलता है. वनस्पति विज्ञान विभाग में अतिथि शिक्षक व जंतु विज्ञान की क्लास खुद प्राचार्या लेती हैं. इतिहास विषय में एक अतिथि शिक्षक व एक रेगुलर शिक्षक हैं. मनोविज्ञान विभाग में चार पद है, लेकिन सिर्फ एक शिक्षक हैं. भूगोल विभाग में करीब एक सौ नामांकन है, लेकिन शिक्षक एक भी नहीं हैं. इसी प्रकार से कई अन्य विभाग में भी शिक्षकों की कमी छात्राओं की पढ़ाई में आड़े आ रही है.
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