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बिहार | दुग्ध उत्पादन व बिक्री कारोबार को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार के साथ- साथ राज्य सरकार भी कई तरह की अनुदान सहायता योजनाएं संचालित कर रहीं है. इसी के तहत राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना समग्र गव्य विकास योजना का लाभ उठाकर कोई भी किसान,उद्यमी या बेरोजगार युवा आसानी से डेयरी उद्योग लगा सकता है. जिले में अब-तक 60 लोग इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर चुके हैं. ग्रामीण क्षेत्र के किसान, बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए दो, चार, 15 व 20 उन्नत नस्ल के दुधारु मवेशी, बाछी व हिफर की डेयरी लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह योजना किसानों व पशुपालकों के लिए शुरू की गई योजना वरदान साबित हो रही है. जिले में विभागीय प्रक्रिया के तहत पांच दर्जन लोग आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं.
75 फीसदी तक मिलेगा अनुदान
इस योजना के दो या चार उन्नत नस्ल के दुधारु मवेशी बाछी-हिफर के लिए अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए 75 प्रतिशत जबकि अन्य सभी वर्गों के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी अनुदान की सुविधा है. वहीं पंद्रह व बीस उन्नत नस्ल के दुधारु मवेशी, बाछी या हिफर की डेयरी इकाई लगाने के लिए सभी वर्गों को 40 प्रतिशत अनुदान की सुविधा है. जिला गव्य विकास पदाधिकारी शशिशेखर कुमार ने बताया कि समग्र गव्य विकास योजना का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार युवा, महिलाएं व किसानों को दुधारु मवेशियों की डेयरी फॉर्म लगाने के लिए प्रेरित करना है. साथ ही सरकारी स्तर पर सहायता उपलब्ध कराना भी है. जिले में अब-तक 60 लोग आवेदन कर चुके हैं. समग्र गव्य विकास योजना का लाभ लेने के लिए विभाग की ऑनलाइन वेबसाइट पर आवेदन करने की प्रक्रिया जारी है. आवेदन करने की अंतिम तिथि विभाग ने 15 अक्टूबर निर्धारित है. इस योजना का क्रियान्वयन जिला गव्य विकास पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा.
कुछ इस तरह से मिलेगा अनुदान
दो उन्नत नस्ल के दुधारु मवेशी, बाछी व हिफर की इकाई लागत 1,64,000 रुपये है. इसके तहत अत्यंत पिछड़ा वर्ग,अनुसूचित जाति व जनजाति को 1,23,000 रुपये अनुदान दिया जायेगा. जबकि, अन्य सभी वर्गो के लिए अनुदान की राशि 82 हजार रुपये है. इसी प्रकार से चार उन्नत नस्ल के दुधारू पशुओं की इकाई लागत 2,77, 800 रुपये व अन्य सभी वर्गो के लिए 1,85, 200 रुपये है. वहीं, सभी वर्गों के लिए इस योजना के तहत 15 उन्नत नस्ल के दुधारु पशुओं की इकाई लगाने के लिए लागत 14,59 हजार रुपये व अनुदान की राशि 5, 83, 600 रुपये है. वहीं बीस उन्नत नस्ल के दुधारु मवेशी, बाछी व हिफर पशुओं की इकाई लागत इकाई 19, 22, 000 व अन्य वर्गों के लिए अनुदान की राशि 7, 68, 800 रुपये है. इधर, दो दुधारु पशुओं की डेयरी लगाने के लिएअलग से भूमि की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि चार दुधारु पशुओं की डेयरी इकाई लगाने के लिए 15 डिसमिल भूमि का प्रबंध अलग से करना होगा. इसी तरह से 15 या 20 दुधारु पशुओं की डेयरी इकाई स्थापित करना चाहते हैं तो 30 डिसमिल भूमि अलग से होनी चाहिए. अपेक्षित भूमि नहीं होने पर लीज पर जमीन ले सकते हैं.
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Harrison
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