बिहार

पहल: छात्राओं में जागरूकता को बनेंगे किशोरी मंच सेनेटरी समूह

Harrison
14 Sep 2023 10:33 AM GMT
पहल: छात्राओं में जागरूकता को बनेंगे किशोरी मंच सेनेटरी समूह
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बिहार | सूबे के 55 हजार स्कूलों में किशोरी मंच सेनेटरी ग्रुप का गठन किया जा रहा है. प्रत्येक समूह में दस छात्राएं लीडर की भूमिका में होंगी. ये स्कूल की अन्य छात्राओं को सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने, साफ-सफाई का ध्यान रखने, पौष्टिक आहार आदि से संबंधित जानकारी देंगी. छात्राओं की हिचक दूर करने के लिए समूह बनाने की कवायद की जा रही है. पांच हजार मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में यह समूह बन भी गया है.
30 लाख से अधिक छात्राओं को ग्रुप के माध्यम से जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है. जहां समूह बने हैं वहां विभिन्न गतिविधियां करवाई जा रही हैं. महिला एवं बाल विकास निगम ने इस समूह को तैयार करने के लिए सभी स्कूलों से कहा था, जिससे समूह के माध्यम से किशोरावस्था के तमाम परिवर्तन और बदलाव की जानकारी छात्राओं को समय पर मिल सके.
स्कूलों को 50 गतिविधियों की दी गयी सूची विद्यालयों में किशोरी मंच के तहत छात्राओं से संबंधित 50 गतिविधियों की सूची तैयार की गयी है. इन गतिविधियों को छात्राएं सप्ताह में दो से तीन दिन करवा रही हैं. हाई स्कूल सिघनिया, किशनगंज की शिक्षिका कुमारी गुड्डी को इस बार शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया गया है. कुमारी गुड्डी ने बताया कि स्कूल में किशोरी मंच सेनेटरी समूह बनाने और उसमें विभिन्न गतिविधियां करवाने के लिए सबसे ज्यादा प्वाइंट मिले थे.
महिला एवं बाल विकास निगम ने शिक्षिकाओं की तैयार की टीम
इन गतिविधियों से करना है जागरूक
● पेटिंग, वाद-विवाद, क्विज आदि का आयोजन करना है
● माहवारी के दौरान स्वच्छता की जानकारी देना
● स्लोगन और कविताओं के माध्यम से संदेश देना है
● स्वास्थ्य शिक्षा के साथ-साथ आयरन, फॉलिक एसिड की खुराक बताना
● व्यक्तिगत स्वच्छता सहित पोषण संबंधित तमाम जानकारी देना
● माहवारी को रोकने के लिए अन्य किसी दवा का सेवन ना करें
● बाल विवाह, दहेज प्रथा आदि के प्रति स्लोगन, कविता आदि प्रतियोगिताएं
स्कूली छात्राओं में किशोरावस्था से संबंधित कई मामलों में काफी हिचक होती है. उसे खत्म करने से ही उनके अंदर आत्मविश्वास आएगा. इस कारण इस समूह को बनाया गया है.
-बंदना प्रेयसी, प्रबंध निदेशक, महिला एवं बाल विकास निगम
महिला एवं बाल विकास निगम ने राज्य स्तर पर हर जिला में एक-एक शिक्षिका को चीफ मास्टर ट्रेनर बनाया था. ये ट्रेनर अपने-अपने जिलों में जाकर हर विद्यालय की एक-एक शिक्षिका को प्रशिक्षित किया है. प्रशिक्षणत प्राप्त शिक्षिका के दिशा निर्देश पर विद्यालय में ग्रुप का गठन किया गया.
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