पटना: शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) प्रतिदिन यह देखेंगे कि उनके क्षेत्र में कौन बच्चा स्कूल नहीं गया है. उनकी डयूटी होगी कि वह ऐसे बच्चों को गांव से निकालकर स्कूल पहुंचाएं. वह सुनिश्चत करेंगे नामांकित सभी बच्चे स्कूल आएं. शिक्षा सेवक रोज बीईओ को बताएंगे कि उसने कितने बच्चे स्कूल पहुंचाए और कितने शिक्षक स्कूल में उपस्थित थे. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है.
पत्र में कहा है कि अभी भी कई स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है. यह 90 प्रतिशत होनी चाहिए. पहले चरण में बच्चों की उपस्थिति को 75 प्रतिशत से ऊपर करना है. इसीलिए दिशा-निर्देश जारी किया है. शिक्षा सेवकों को यह भी निर्देश है कि वह प्रतिदिन शाम चार बजे प्रखंड संसाधन केंद्र में एकत्र होंगे और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अपनी गतिविधि की जानकारी देंगे. स्कूल शुरू होने से एक घंटे पहले शिक्षा सेवक टोलों में घूमकर बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक करेंगे. खासकर उन टोलों में जहां के बच्चे स्कूल कम जा रहे हैं. कम-से-कम 50 छात्रों-अभिभावकों से हर शिक्षा सेवक रोज संपर्क करेंगे.
सम्राट चौधरी से मिलीं काउंसलर
ऑस्ट्रेलिया की राजनीतिक काउंसलर टैमी डे राइट भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंची. प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी से मुलाकात कर प्रदेश की राजनीतिक गतिविधियों और इसके बदलते मापदंडों की जानकारी ली. राजनीतिक काउंसलर के साथ वरिष्ठ शोध पदाधिकारी (राजनीतिक) वंदना सेठ भी थीं.
प्रदेश अध्यक्ष ने बिहार की राजनीतिक स्थिति की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के प्रति संवेदनशीलता और बिहार में विकास को गति देने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. भाजपा द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा एक राजनीतिक दल ही नहीं है बल्कि इसके कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करते हैं.