बिहार

बिहार में आम आदमी तक पहुंची महंगाई की मार, आटा-चावल और दाल की कीमतों में बढ़ोत्तरी

Renuka Sahu
16 July 2022 4:54 AM GMT
Inflation hit the common man in Bihar, increase in the prices of flour, rice and pulses
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फाइल फोटो 

गैर ब्रांडेड फूड आइटम पर जीएसटी लगाने की घोषणा के बाद बिहार में आटा, चावल और दाल की किल्लत हो गई।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गैर ब्रांडेड फूड आइटम पर जीएसटी लगाने की घोषणा के बाद बिहार में आटा, चावल और दाल की किल्लत हो गई। पटना के बाजार में आटा, चावल और दालों के दाम में बढ़ोतरी हो रही है। महंगाई के इस झटके से आम जनता का हाल बेहाल हो गया है। रसोई का बजट बिगड़ गया है। कई छोटे ब्रांड के आटा पैकेट ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे हैं। जीएसटी लागू होने से पहले बाजार में खाद्य पदार्थों की आवक 75 प्रतिशत तक कम हो गई है।

बाजार से जुड़े कारोबारी कहते हैं कि गोदामों में मौजूद माल को बड़े कारोबारी फिलहाल निकालने में लगे हैं। बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ के मंत्री ब्रजेश कुमार के मुताबिक थोक कारोबारी नया माल मंगाने के लिए 18 जुलाई का इंतजार कर रहे हैं। व्यवसायी संघ के महामंत्री नवीन कुमार ने बताया कि पटना की थोक मंडियों में आटा दो सौ टन प्रतिदिन आता था जो घटकर बमुश्किल 50 टन रह गया है।

इसी तरह दाल की आवक भी प्रभावित हुई है। मंसूरगंज मंडी में जहां प्रतिदिन बीस ट्रक (25 टन/ट्रक) दाल की आवक थी, वहां अभी 5 ट्रक दाल भी नहीं पहुंच रही है। मंडी के अजय कुमार का कहना है कि 18 जुलाई के बाद उन्हें बचे हुए माल पर जीएसटी भरना होगा। इसलिए बड़े कारोबारी अपने गोदाम में मौजूद दाल को निकालने में लगे हैं।

पटना की मंडियों में चावल की आवक भी बुरी तरह प्रभावित है। महाराजगंज मंडी के जितेन्द्र कुमार गुप्ता कहते हैं कि जीएसटी लगने के पहले मंडियों में चावल की आवक पर असर पड़ा है। चावल मिल से मंडियों के व्यापारियों को आपूर्ति नहीं हो रही है। मिल मालिक धान महंगा होने की बात कह रहे हैं। आवक कम होने से थोक मंडियों में ही चावल बढ़ी दर पर पहुंच रहा है। बोरा पर पांच सौ रुपये तक का इजाफा हो गया है।

चूड़ा, मुरही, फरही भी महंगा

पटना में गैर ब्रांड वाले खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगने की घोषणा के बाद से ही पटनावासियों को महंगाई का झटका लगने लगा है। चूड़ा, मुरही, फरही आदि की कीमत में बीते दस दिनों से पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। बेऊर के खुदरा किराना दुकानदार मंटू कहते हैं कि दुकानों में आटा, चावल और दाल महंगे हो गए हैं। चावल की कीमत में दो से पांच रुपये किलोग्राम और दाल पांच रुपये प्रति किलो तक महंगी हो गई है।

वहीं, आटा की कीमत में भी दो रुपये का इजाफा हुआ है। आटा अब 30 रुपये किलो और सूजी 37 रुपये किलो तक बिकने लगी है। खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश तलरेजा ने कहा कि जीएसटी के अलावा बांग्लादेश द्वारा आयात शुल्क कम करने से भी चावल की कीमत बढ़ी है।

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