बिहार

आम आदमी पर फूटेगा महंगाई का बम! भागलपुर में फिर बढ़ी सरसों तेल की कीमत, जानें नई कीमत

Renuka Sahu
7 May 2022 5:29 AM GMT
Inflation bomb will explode on common man! Mustard oil price increased again in Bhagalpur, know the new price
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फाइल फोटो 

भागलपुर के खुदरा बाजारों में सरसों तेल की कीमत एक बार फिर से बढ़ गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भागलपुर के खुदरा बाजारों में सरसों तेल की कीमत एक बार फिर से बढ़ गई है। तेल की कीमत में 15 से लेकर 20 रुपये तक का उछाल आया है। कुछ समय पहले तक सरसों तेल 155 से 160 रुपये लीटर मिल रहा था और रिफाइन 160 रुपये। अभी बाजारों में सरसों तेल की कीमत 170 से 175 रुपये प्रति लीटर हो गयी है और रिफाइन की कीमत 180 रुपये प्रति किलो।

सरसों तेल के विक्रेता कुमार गौरव का कहना है कि यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण तेल की कीमत बढ़ी है। पहले से ही सनफ्लावर तेल की कमी थी। अब इंडोनेशिया ने दूसरे देशों को खाद्य तेल नहीं देने का निर्णय लिया है। इस कारण देश में मात्र 15 प्रतिशत माल ही विदेश (मलेशिया) से आ रहा है। होलसेल कारोबारी मनोज खेतान का दावा है कि देश में जितनी सरसों तेल की खपत होती है, उसमें से 25 प्रतिशत का ही उत्पादन हो पाता है।
इस कारण इंडोनेशिया-मलेशिया पर 55 प्रतिशत आश्रित रहना पड़ता है। जबकि अर्जेटीना-ब्राजील से 22 प्रतिशत सोया तेल भारत पहुंचता है। यूक्रेन से आठ से 10 प्रतिशत सनफ्लावार तेल भारत आता है। रूस-यूक्रेन की लड़ाई के कारण वहां से अभी तेल नहीं आ रहा है। अब इंडोनेशिया ने बाहरी तेल का सप्लाई देना बंद कर दिया है। इस कारण सारा दबाव सोया रिफाइन पर आ गया है। इस कारण लोग रिफाइन का स्टॉक कर रहे हैं। यही कारण है कि रिफाइन की कीमत भी बढ़ गयी है।
इंडोनेशिया में अधिक उत्पादन, सप्लाई नहीं किया तो बहाना पड़ेगा तेल
मनोज की मानें तो इंडोनेशिया में सरसों तेल का अधिक उत्पादन होता है और वहां लोकल खपत मात्र 25 से 30 प्रतिशत ही हो पाता है। ऐसे में अगर दूसरे देशों में तेल की आपूर्ति नहीं की गई तो उन्हें तेल बहाना पड़ेगा। होलसेल कारोबारी ने बताया कि भागलपुर में सरसों तेल की हर माह खपत 750 टन है। जबकि रिफाइन की खपत 700 टन होती है। वानस्पति की खपत 200 टन है। उन्होंने बताया कि विभिन्न देशों के माध्यम से कोलकाता हल्दिया पोर्ट पर माल आता है। इसके बाद रिफाइनरी जाता है और वहां से माल तैयार कर भागलपुर पहुंचता है।
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