x
हाजीपुर। सोनपुर मेले में जीविका दीदी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के बीच आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आये बदलाव की झलक देखना है, तो एक बार सोनपुर मेला स्थित ग्राम श्री मंडप का भ्रमण अवश्य करें. कल तक जो महिलाएं घर की चहारदीवारी में कैद थीं. उन्होंने कुशल उद्यमी की अपनी पहचान बना ली है. कुछ वर्षों पहले तक वह रोजगार के लिए पूर्णतया मजदूरी पर निर्भर थीं. लेकिन, आज कई को रोजगार मुहैया करा रही है.
सोनपुर मेले के ग्राम श्री मंडप में कुल 12 जिले से आयी जीविका दीदियों ने 36 स्टॉल लगाये हैं. जहां 18 अलग-अलग उत्पादित सामग्री की बिक्री की जा रही है. इस मंडप में हस्तनिर्मित वस्तुओं से लेकर भिन्न-भिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री जैसे सोनपुर से लिट्टी चोखा, खगड़िया से पेड़ा तथा सुपौल से खाजा इत्यादि की बिक्री की जा रही है. वहीं, नालंदा से लहठी चूड़ी, पूर्वी चंपारण से शिप ज्वेलरी, बांस कलाकृति तथा दरभंगा से पर्स इत्यादि की बिक्री की जा रही है.
इशुआपुर प्रखंड की कलावती देवी जिन्होंने मेला में हस्तनिर्मित ऊनी वस्त्र का स्टॉल लगाया है. वह बताती है कि जीविका उनके जीवन में वरदान के रूप में आया. जिसके माध्यम से उन्हें ससमय लोन के रूप में वित्तीय सहयोग तथा प्रशिक्षण मिला और इस व्यवसाय को आगे बढ़ा पायी. वरना एक समय ऐसा भी था जब उनका परिवार एक रोटी के लिए मजबूर था. आज अपने इस कला का विस्तार करते हुए वह न ही सिर्फ एक सफल महिला उद्यमी बनी हैं. बल्कि अपने आसपास के 40 अन्य जरुरतमंद जीविका दीदियों को रोजगार भी मुहैया कराया है.
मेला में प्रतिदिन उनके स्टॉल पर लगभग 11 से 12 हजार की बिक्री हो जा रही है. जिला परियोजना प्रबंधक अरुण कुमार बताते हैं कि इस तरह से 36 अलग-अलग स्टॉल पर छह से 15 नवंबर तक कुल बिक्री 32 लाख रुपये से अधिक की हो चुकी है. इसका लाभ 12 जिलों से आये कुल 65 जिविका दीदियों का परिवार उठा रहा है.
Next Story