पटना न्यूज़: मसालों की कीमतों में बढ़ोतरी से सब्जियों का जायका बिगड़ रहा है. सब्जियों और दाल की छौंक लगाने से पहले गृहणियों को अब सोचना पड़ रहा है. जीरा की कीमत 580 रुपये किलो से बढ़कर 760 रुपये पहुंच गयी है. गोलकी (काली मिर्च) की कीमत में भी भारी इजाफा हुआ है.
गोलकी की 580 रुपये से 850-900 रुपये किलो पहुंच गई है. वहीं खड़ी हल्दी का हाल भी कुछ ऐसा ही है. 100 से बढ़कर यह 180-200 रुपये किलो तक पहुंच गयी है.
बड़ी इलाइची मंडी में एक हजार रुपये किलो पहुंची
कई मसालों की कीमतों में बीते 15 दिन से एक महीने के बीच ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. मारूफगंज के मसाला कारोबारी मनोज गुप्ता बताते हैं कि बड़ी इलाइची की कीमत मंडी में 15 दिन पहले तक साढ़े छह सौ रुपये किलो थी जो 1000 रुपये किलो हो गई है. इसी तरह लौंग 750-800 रुपये से बढ़कर 1000 से 1100 रुपये किलो तक पहुंच गयी है. छोटी इलायची की कीमत 1200 रुपये से बढ़कर 1400 रुपये और सौंफ 325 रुपये से लगभग 400 रुपये तक पहुंच गई है.
बारिश के कारण फसल प्रभावित
मसालों की कीमत में कई कारणों से इजाफा हो रहा है. इस साल देश के कई इलाकों में बेमौसम बारिश के कारण मसाला उत्पादन प्रभावित हुआ है. बिहार राज्य व्यावसायिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय गुप्ता बताते हैं कि जीरा व हल्दी की फसल बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है.
मसाला के साथ-साथ साबुनदाना और मखाना में भी बढ़ोतरी हुई है. 80 रुपये किलो बिकने वाले साबुदाना की कीमत 100 से 120 रुपये किलो के बीच पहुंच गई है. वहीं 360 से 450 रुपये किलो बिकने वाला मखाना की कीमत बढ़कर 600 रुपये से 630 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गयी है.