बिहार

अधूरे पुल को कर दिया गया चालू

Shantanu Roy
26 Aug 2022 6:06 PM GMT
अधूरे पुल को कर दिया गया चालू
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बड़ी खबर
कैमूर। दुर्गावती नदी पुल के अधूरे निर्माण कार्य के बीच पुल को चालू करने से विभाग सवालों के घेरे में है। न पुल के पैदल पथ की रेलिंग बनी न ही एप्रोच रोड पूर्ण हुआ, लेकिन वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई। यहां तक कि पुल की सतह पर कई जगह दरारें भी उभर आई हैं। लोगों ने आरोप लगाया कि संवेदक ने अधिकारियों की मिलीभगत से पुल का निर्माण कार्य धीमी गति से किया। यही नहीं पुल निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। समाजसेवी पंडित विनोवा उपाध्याय ने एजेंसी के जेई अनिकेत शर्मा पर घपला का आरोप लगाते हुए कहा कि महज सात स्पैन के इस पुल को तैयार करने में 41 माह की अवधि भी कम पड़ गई।
पुल चालू करने की चार डेडलाइन भी फेल हो गई। फिर भी पुल मानक के अनुरूप नहीं बनाया गया। बगाढ़ी के किसान संजय सिंह ने बताया कि पुल के किनारे अभी तक न पैदल पथ बना न ही रेलिंग बनी है। बारिश में दोनों किनारे के पहुंच पथ की मिट्टी भी बह रही है। उन्होंने एप्रोच रोड के बिना पक्कीकरण किए पुल से आवागमन चालू करने पर सवाल उठाया। व्यवसायी संतोष गुप्ता ने बताया कि मजदूर मेरी दुकान से उधार ले गए सामान का भुगतान नहीं कर रहे और न ही जेई अनिकेत ही फोन उठा रहे हैं। लोगों ने बताया कि दो दिन पहले बारिश में भारी वाहन कच्चे एप्रोच रोड पर फंस गए थे। लोगों ने यह भी बताया कि इस अवधि में जिले में कई पुल अकोढ़ी पुल के बाद स्वीकृत हुए और इससे पहले बनकर तैयार हो गए।
दुर्गावती नदी पर बना गोड़सरा पुल व मोहनियां- भभुआ रोड में रतवार पुल इसका उदाहरण हैं। अकोढ़ी पुल के निर्माण कार्य में सिस्टम की शिथिलता की पोल अधूरे पुल को चालू करने से खुल गई। गौरतलब है कि पुल निर्माण की स्वीकृति नवंबर 2018 में ही मिल गई थी। मार्च 2019 में पुल का निर्माण कार्य शुरू हो गया। सितंबर 2020 में निर्माण कार्य पूरा कर लेना था। इस बीच लंबे समय तक निर्माण कार्य ठप रहा। तब कोरोना संक्रमण काल के कारण निर्माण में हो रही देरी पर किसी ने सवाल भी नहीं उठाया। इधर पुल निर्माण निगम से जुड़े इस पुल के जेई अनिकेत शर्मा से बात करने पर उन्होंने सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया तथा कहा कि ऐसी स्थिति बिहार में कई जगह बनी है।
शिथिलता के लिए संवेदक को लगी थी फटकार
अकोढ़ी के पास 19 करोड़ से बने पुल पर हमेशा अंगुली उठती रही है। दो साल पहले लोगों की शिकायत पर पुल निगम के उप मुख्य अभियंता सुरेन्द्र यादव जायजा लेने आए थे। तब उन्होंने डायवर्सन व पुल निर्माण की धीमी गति पर फटकार भी लगाई थी। फिर भी इस पुल निर्माण के कार्य में तेजी नहीं आ सकी। गौरतलब है कि डायवर्सन व पुल बनाने का काम जय माता दी कंस्ट्रक्शन सासाराम को मिला है।
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