बिहार

मुजफ्फरपुर में कोरोना जांच के नाम पर निजी लैब की मनमानी, आरटीपीसीआर के 800 रूपये तय वसूल रहे 1500

Renuka Sahu
16 Jan 2022 6:03 AM GMT
मुजफ्फरपुर में कोरोना जांच के नाम पर निजी लैब की मनमानी, आरटीपीसीआर के 800 रूपये तय वसूल रहे 1500
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फाइल फोटो 

कोरोना की तीसरी लहर में निजी लैब अपनी जेब भर रहे हैं। एंटीजन व आरटीपीसीआर जांच के लिए मनमानी राशि वसूल रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना की तीसरी लहर में निजी लैब अपनी जेब भर रहे हैं। एंटीजन व आरटीपीसीआर जांच के लिए मनमानी राशि वसूल रहे हैं। सरकार की ओर से निजी लैब में एंटीजन जांच के लिए 250 रुपये व आरटीपीसीआर जांच के लिए 800 रुपये की दर तय की गई है। इसके बावजूद एंटीजन टेस्ट के लिए 500 से 600 रुपये और आरटीपीसीआर जांच के लिए 1500 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में ही सरकार ने निजी लैब में एंटीजन व आरटीपीसीआर की जांच दर तय कर दी थी। वहीं, जिन निजी लैब को कोरोना जांच की इजाजत नहीं है, वे भी लोगों के सैंपल ले रहे हैं। आईसीएमआर ने कोरोना की दूसरी लहर में ही उन लैब की सूची जारी की थी, जिन्हें जांच करने की इजाजत दी गई थी।

8 घंटे में आरटीपीसीआर रिपोर्ट देने का दावा
मुजफ्फरपुर में ऐसे सिर्फ दो ही जांच लैब हैं जो सूची में शामिल हैं। इसके अलावा यदि कोई लैब जांच करता है तो वह अवैध तरीके से कोरोना की जांच कर रहा है। निजी लैब आठ घंटे में आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट देने का दावा कर रहे हैं। जूरन छपरा स्थित एक लैब संचालक ने बताया कि दो बजे जांच देने के बाद रात दस बजे से 11 बजे तक मोबाइल पर जांच रिपोर्ट पहुंच जाएगी। हार्ड कॉपी में रिपोर्ट अगले दिन दी जाएगी। जांच कहां कराई जाती है पूछने पर संचालक ने बताया कि मुजफ्फरपुर ही जांच होती है। इसलिए रिपोर्ट जल्दी जारी कर दी जाती है।
सदर अस्पताल में एंटीजन किट का कार्टन पानी में भीगा
सदर अस्पताल के कोरोना जांच केंद्र के पीछे बने स्टोर में रखे एंटीजन किट के कार्टन पिछले दिनों हुई बारिश में भींग गए हैं। जिस कमरे में किट रखी है, उसमें बारिश का पानी जमा हो गया। हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि एंटीजन किट को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वह ठीक है।
हर लैब का अलग चार्ज
हर निजी लैब का कोरोना जांच के लिए अलग-अलग चार्ज है। एंटीजन जांच के लिए 500 से 600 रुपये लिए जा रहे हैं। घर पर जांच के लिए बुलाने पर 50 से 100 रुपये बढ़ जाते हैं। वहीं, आरटीपीसीआर जांच के लिए भी कुछ लैब 1200 तो कुछ 1500 रुपये ले रहे हैं। निजी अस्पतालों में भी दिखाने आए मरीजों की एंटीजन जांच हो रही है। शहर के अस्पतालों में रोज करीब दो हजार लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। प्रति मरीज500 रुपये के हिसाब से ही अनुमान लगाया जाए तो एंटीजन जांच के नाम पर रोज दस लाख का कारोबार हो रहा है।
बिना मान्यता वाले निजी लैब भी कर रहे जांच
बिना मान्यता वाले निजी लैब के संचालक बाहर से टेक्नीशियन बुलाकर मरीजों की एंटीजन व आरटीपीसीआर जांच कराते हैं। मरीज के पहुंचने पर उससे उसकी स्थिति पूछी जाती है। पूरी तसल्ली होने पर टेक्नीशियन को फोन किया जाता है। फोन पर बात करने के दौरान पैसे को लेकर मोल-तोल भी होता है। यदि मरीज कम है तो 100 से 200 रुपये कम कर दिया जाता है। यदि लैब में मरीजों की संख्या अधिक है तो फिर पैसे में कमी नहीं की जाती।
कहते हैं पदाधिकारी
प्रमंडल में जहां भी अनाधिकृत निजी जांच लैब कोरोना की जांच कर रहे हैं, उन्हें चिह्नित किया जाएगा। सरकार से तय दर से अधिक राशि लेने वाले लैब पर भी कार्रवाई की जाएगी।
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