बिहार

सहरसा में अचानक स्कूल की छत गिरने से बाल-बाल बचे बच्चे, दो छात्राओं को मामूली चोटें आईं

Renuka Sahu
26 May 2022 6:38 AM GMT
In Saharsa, the roof of the school suddenly collapsed, leaving only a few children and two girls with minor injuries.
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फाइल फोटो 

सहरसा जिले के नोहट्टा में गुरुवार सुबह प्रखंड क्षेत्र के शाहपुर पंचायत स्थित राजनपुर कर्णपुर मुख्य मार्ग में बने उत्क्रमित मध्य विद्यालय का छज्जा गिरने से एक बड़ा हादसा टल गया.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सहरसा जिले के नोहट्टा में गुरुवार सुबह प्रखंड क्षेत्र के शाहपुर पंचायत स्थित राजनपुर कर्णपुर मुख्य मार्ग में बने उत्क्रमित मध्य विद्यालय का छज्जा गिरने से एक बड़ा हादसा टल गया। स्कूल में प्रार्थना होने के कारण विद्यालय के बच्चे कक्षा से बाहर थे। इसलिए एक बड़ा हादसा टल गया। अगर बच्चे कमरे में रहते तो कुछ भी अनहोनी हो सकती थी। प्रार्थना के समय वर्ग 3 और 6 के क्लास रूम के छज्जा भरभरा कर गिर गया।

हादसे में कक्षा 6 की छात्रा नेहा कुमारी और अन्नू कुमारी मामूली रूप से चोटिल हो गई हैं। जानकारी के अनुसार गुरुवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय में कक्षा शुरू होने से पहले प्रार्थना हो रही थी। जिसके कारण विद्यालय के सभी बच्चे प्रार्थना में शामिल थे। उसी समय विद्यालय के पश्चिमी दिशा में स्थित भवन का छज्जा भरभरा कर गिर गया। जबकि उक्त स्थल पर कुछ समय पूर्व बड़ी संख्या में बच्चे चहलकदमी कर रहे थे। यदि उस वक्त छज्जा गिरता तो बड़ी संख्या में बच्चे जख्मी हो सकते थे। कोई बड़ी अनहोनी भी हो सकती थी। विद्यालय में वर्ग एक से आठ तक की पढ़ाई होती है। जहां करीब 500 बच्चे नामांकित है।
2009 में बना था विद्यालय का नया कमरा
पहले वाला भवन जर्जर होने के कारण 13 वर्ष पहले 2009 में करीब 9 लाख की लागत से विद्यालय के दो मंजिला भवन में कुल 4 कमरे बनाए गए थे। तत्कालीन प्रधानाध्यापक स्वर्ग श्याम सुंदर यादव के द्वारा वर्ष 2009 में नया भवन बनाया गया था। ग्रामीणों के अनुसार ऐसी संभावना है कि निर्माण के दौरान काफी अनियमितता बरती गई होगी जिस वजह से मजबूत निर्माण नहीं हो सका। जबकि विद्यालय में बड़ी संख्या में बच्चे नामांकित हैं।
आए दिन छात्र विद्यालय में पढ़ने से जख्मी हो रहे हैं। कई बार शिक्षक भी हादसे का शिकार होने से बचे हैं। ज्यादा संख्या में बच्चों का नामांकन होने के कारण वर्ग संचालन के लिए कमरे की संख्या कम हो रही है। इसके कारण पुराने जर्जर भवन में भी वर्ग संचालित किए जा रहे हैं। नए भवन की स्थिति पुराने भवन से भी दयनीय है। नए और पुराने दोनों भवन की छत जर्जर स्थिति में है। फिर भी बच्चे उसी भवन के कमरे में पढ़ रहे हैं। जो कभी भी एक बड़ी घटना का सबब बन सकता है।
वहीं ग्रामीणों ने विद्यालय परिसर में वर्षों से बाउंड्री नहीं होने पर भी आक्रोश व्यक्त किया है। प्रभारी प्रधानाध्यापक बच्चन पासवान ने बताया जर्जर भवन के जीर्णोद्धार या नवनिर्माण के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों से लिखित एवं मौखिक मांग की गई है। लेकिन विभागीय स्तर से इस दिशा में अभी तक कोई आदेश प्राप्त नही हुआ है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि जर्जर भवन के छज्जे गिरने की जानकारी मिली है। प्रधानाध्यापक के द्वारा आवेदन मिलते ही विभाग को भेजा जाएगा।
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