बिहार

गया में भगवान बुद्ध के चरणों में चढ़े फूलों से बनेगी अगरबत्ती, इसकी खुशबू से महकेगा घर आंगन, यह है योजना

Renuka Sahu
12 July 2022 4:24 AM GMT
In Gaya, incense sticks will be made from flowers placed at the feet of Lord Buddha, the courtyard of the house will smell with its fragrance, this is the plan
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फाइल फोटो 

बिहार के प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर में अब निकलने वाले फूलों को फेंका नहीं जाएगा और न ही नदी में बहाया जाएगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार के प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर में अब निकलने वाले फूलों को फेंका नहीं जाएगा और न ही नदी में बहाया जाएगा। अब मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती बनाने के साथ महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रयास से वेस्ट को वेल्थ में बदलने की पीएम नरेंद्र मोदी की परिकल्पना साकार हो रही है।

महाबोधि मंदिर में भगवान के दर्शन करना और उनके चरणों में फूल चढ़ाना आम तौर पर सभी की दिनचर्या है। चढ़ाए हुए फूल अगले दिन कचरे में फेंक दिए जाते हैं या फिर नदी में प्रवाहित किए जाते हैं। इन्हीं फूलों से दोबारा खुशबू महकाने का काम किया जा रहा है। महाबोधि मंदिर में चढ़े फूलों का दोबारा उपयोग कर अगरबत्ती बनाई जाएगी। इसके लिए फूल-को ब्रांड कंपनी से एमओयू करार हुआ है। बोधगया की स्थानीय महिलाओं के सहयोग से अगरबत्ती बनाने का काम होगा। सोमवार को बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमिटी की बैठक के बाद डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने यह जानकारी दी।
रोजाना डेढ़ से दो टन निकलता है फूल
डीएम ने बताया कि जिस तरह काशी विश्वनाथ मंदिर, जगन्नाथ पुरी मंदिर अन्य बड़े मंदिरो में भारी मात्रा में भगवान पर चढ़ने वाले फूल से अगरबत्ती बनाने एवं अन्य चीजों को बनाने का कार्य किया जाता है। उसी प्रकार संबंधित संस्थान द्वारा महाबोधि मंदिर में चढ़ने वाले फूलो से अगरबत्ती एवं अन्य चीजें बनाने के लिए सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान किया जाएगा। इसके साथ महाबोधि मंदिर को भी आय का स्रोत प्राप्त होगा।
ब्रांड के फाउंडर अंकित अग्रवाल ने बताया कि फूल को इनोवेटिव स्टार्टअप कंपनी है, जिसका मुख्य ध्यान सर्कुलर इकॉनमी पर है। कंपनी मंदिर के फूलों को इक्कठा कर उनसे धूपबत्ती , अगरबत्ती एवं फ्लैदर, वेगन लेदर बनती है। गहन शोध के बाद कंपनी ने फ्लावर रिसाइकिलिंगग टेक्नोलॉजी द्वारा इन जैविक उत्पादों का निर्माण करती है। महाबोधि मंदिर के फूलों से जैविक अगरबत्ती बनाई। रोजाना डेढ़ से दो टन निकलने वाले फूलों से अगरबत्ती बनाई जाएगी। इससे महिलाओं को प्रशिक्षण भी दी जाएगी।
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