बिहार

बिहार में क्या नीतीश सरकार बिना परमिशन CBI जांच पर लगाएगी रोक, महागठबंधन की हुई मीटिंग

Renuka Sahu
29 Aug 2022 4:51 AM GMT
In Bihar, will the Nitish government ban CBI investigation without permission, the meeting of the grand alliance
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फाइल फोटो 

बिहार में पिछले दिनों सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब स्कैम के मामले में छापेमारी की थी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में पिछले दिनों सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब स्कैम के मामले में छापेमारी की थी। इस दौरान आरजेडी के कई नेताओं के घरों और अन्य ठिकानों पर छापे मारे गए थे। इस बीच खबर है कि बिहार सरकार सीबीआई को जांच की मंजूरी पर रोक लगा सकती है। यदि ऐसा होता है तो सीबीआई को बिहार में जांच के लिए पहले राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी। इससे पहले बंगाल और कई अन्य राज्यों ने भी ऐसा फैसला लिया था। बता दें कि आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस का सत्ताधारी गठबंधन लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि केंद्र सरकार सीबीआई का बेजा इस्तेमाल कर रही है।

दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेबलिशमेंट ऐक्ट, 1946 के तहत सीबीआई का गठन हुआ था। इसके मुताबिक सीबीआई के लिए यह जरूरी है कि वह किसी भी राज्य में जांच के लिए पहले प्रदेश सरकार से अनुमति ले। अब तक 9 राज्यों ने सीबीआई को दी यह मंजूरी वापस ले ली है। इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, मेघालय शामिल हैं। ऐसे राज्यों की संख्या इनमें ज्यादा हैं, जो विपक्ष द्वारा शासित हैं। आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार सीबीआई का इस्तेमाल विरोधियों के खिलाफ कर रही है, उसे देखते हुए बिहार सरकार को एजेंसी को जांच की मंजूरी वापस ले लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिहार सरकार को अदालत का रुख भी करना चाहिए। वहां उसे इस बात को उठाना चाहिए कि कैसे सीबीआई का बेजा इस्तेमाल केंद्र सरकार की ओर से किया जा रहा है। तिवारी ने कहा कि एनडीए सरकार के दौर में केंद्रीय एजेंसियों ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। मनोज झा ने भी इस मामले पर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह पार्टी सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल विरोधियों को परेशान करने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र जैसे प्लान को अंजाम देने के लिए बिहार में सीबीआई का बेजा इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा इस बात से परेशान है कि गुरुग्राम में सीबीआई ने जिस मॉल पर छापेमारी की थी, वह तेजस्वी यादव का नहीं निकला। इस बीच जेडीयू ने भी कहा है कि यह सही समय है, जब राज्य में जांच के लिए सीबीआई को मिली मंजूरी वापस ले ली जाए। राज्य सरकार के मंत्री मदन साहनी ने कहा कि जिस तरह से एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं की छवि खत्म करने के लिए हो रहा है, वह गलत है। बिहार की जनता सब देख रही है और वे लोग समय आने पर ऐसे लोगों को करारा जवाब देंगे।
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