बिहार

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल गठन को लेकर माथापच्ची जारी

Ritisha Jaiswal
13 Aug 2022 11:50 AM GMT
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल गठन को लेकर माथापच्ची जारी
x
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government) के मंत्रिमंडल गठन को लेकर माथापच्ची जारी है. प्र

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan Government) के मंत्रिमंडल गठन को लेकर माथापच्ची जारी है. प्रदेश कांग्रेस (Bihar Congress) के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इस सरकार में उनकी पार्टी की प्रभावी और सम्माजनक भागीदारी होनी चाहिए. वहीं, कुछ नेताओं की यह भी राय है कि कांग्रेस इस सरकार में शामिल नहीं हो और बाहर से इसका समर्थन करे. मौजूदा बिहार विधानसभा में कांग्रेस के 19 सदस्य हैं, ऐसे में यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि नई सरकार में उसे तीन मंत्री पद मिल सकते हैं. हालांकि, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी कम से कम चार मंत्री पद चाहती है.

बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने शुक्रवार को दिल्ली में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात करने के बाद कहा था कि सरकार में कांग्रेस की हिस्सेदारी सम्मानजनक होगी. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद की राय है कि सरकार में उनकी पार्टी के मंत्रियों की संख्या पांच तक होनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सभी घटक दलों के नेता इस बारे में फैसला करेंगे.
अहमद ने कहा कि हम कांग्रेस के नेता हैं, इसलिए चाहते हैं कि हमारी पार्टी को ज्यादा से ज्यादा मंत्री पद मिले, लेकिन जब पार्टियों के नेता बातचीत के लिए बैठते हैं तो कई बिंदुओं को देखकर फैसला होता है. हमें लगता है कि पांच मंत्री पद मिलने चाहिए, लेकिन यह घटक दलों के नेता तय करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में कांग्रेस की भागीदारी से कार्यकर्ताओं और आम जनता के काम करने में पार्टी को आसानी होगी.
महागठबंधन सरकार में 'सम्मानजनक' और 'प्रभावी' भागीदारी चाहिएप्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को इस सरकार में न सिर्फ सम्मानजनक हिस्सेदारी मिलनी चाहिए, बल्कि 'प्रभावी' भागीदारी भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरी यह भी राय है कि सरकार में पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, मुस्लिम और सवर्ण समुदायों से पांच उप मुख्यमंत्री होने चाहिए, ताकि सामाजिक समरसता दिखे. यह कांग्रेस की मांग नहीं, बल्कि मेरी अपनी सलाह है.
वहीं, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता कौकब कादरी ने कहा कि बिहार की सामाजिक औेर राजनीतिक वास्तविकता को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को महागठबंधन सरकार का हिस्सा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस गठबंधन में रहकर कांग्रेस अपने आप को मजबूत कर सकती है. मेरे हिसाब से इस सरकार में कांग्रेस के मंत्रियों की संख्या चार होनी चाहिए.
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने कहा कि पार्टी को महागठबंधन सरकार का बाहर से समर्थन करना चाहिए. साल 2000 और 2015 में हम देख चुके हैं कि सरकार में शामिल होने के बाद अगले चुनावों में हमारी विधानसभा सीट की संख्या घटी, इसलिए मेरा मानना है कि हमें बाहर से समर्थन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सत्ता का मुख्य हिस्सा आरजेडी और जेडीयू के पास होगा. कांग्रेस सिर्फ नाम के लिए सत्ता में रहेगी. सत्ता में रहने पर कांग्रेस से जनता की बहुत अपेक्षाएं रहेंगी. हम नैतिक रूप से नीतीश कुमार का समर्थन करते हैं, लेकिन हम सरकार से बाहर रहकर समर्थन करें


Next Story