बिहार

बिहार में स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए बनेगा कानून, ग्राहक को बिजली काटने से पहले तीन बार भेजे जाएंगे मैसेज, जानें प्रस्ताव

Renuka Sahu
13 Jan 2022 1:58 AM GMT
बिहार में स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए बनेगा कानून, ग्राहक को बिजली काटने से पहले तीन बार भेजे जाएंगे मैसेज, जानें प्रस्ताव
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फाइल फोटो 

बिहार में लगाए जा रहे स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए नया कानून बनेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में लगाए जा रहे स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए नया कानून बनेगा। उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने का जिम्मा बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने लिया है। बिजली कंपनी ने भी आयोग से आग्रह किया है कि अविलंब कानून बन जाए ताकि स्मार्ट प्री-पेड मीटर का संचालन आसानी से हो सके और उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो।

बिजली कंपनी की ओर से बिहार विद्युत विनियामक आयोग को कहा गया है कि बिहार में स्मार्ट मीटर नियमन (रेगुलेशन) बनाए जाने हैं। इसके लिए विनियामक आयोग को ही रेगुलेशन का ड्राफ्ट जारी करना है। ड्राफ्ट जारी होने के बाद आम लोगों से उस पर राय ली जाएगी। कंपनी भी अपनी ओर से उस पर अपना पक्ष रखेगा।
इसके बाद स्मार्ट प्री-पेड मीटर का नया कानून लागू हो जाएगा। कंपनी ने आयोग से कहा है कि रेगुलेशन कब तक बनेगा, आयोग ने इसकी तिथि तय नहीं की है। रेगुलेशन में प्रावधान क्या-क्या होंगे, यह भी कंपनी को मालूम नहीं है। अगर इस दिशा में कार्रवाई होगी तो बेहतर होगा।
वहीं, स्मार्ट प्री-पेड मीटर को लेकर कंपनी ने आयोग के समक्ष कुछ और प्रस्ताव भी सौंपे हैं। मोबाइल पर तीन संदेश के बावजूद उपभोक्ता अगर मीटर रिचार्ज नहीं कराएंगे तो डिस्कनेक्शन यानी बिजली गुल हो जाएगी। कंपनी ने आयोग से अनुरोध किया है कि वह एक समय तय कर दे कि कितने दिनों के बाद उपभोक्ताओं का कनेक्शन अस्थायी तौर पर काटा जाएगा। इसके बाद अगर उपभोक्ता दोबारा कनेक्शन लें तो उनसे क्या शुल्क लिया जाए।
उल्लेखनीय है कि साल 2025 तक सभी बिजली उपभोक्ताओं को नि:शुल्क स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए राज्य सरकार ने अपनी योजना शुरू की है। इस मद में 11 हजार 100 करोड़ खर्च होंगे। बिजली कंपनी की यह अबतक की सबसे बड़ी योजना है। देश में बिहार इकलौता राज्य है जिसने प्री-पेड मीटर लगाना शुरू किया है। अब तक तीन लाख से अधिक मीटर लग चुके हैं और देश के अन्य राज्य बिहार का अनुकरण कर रहे हैं।
कानून नहीं होने से हो रही पांच दिक्कतें
नई तकनीक में पुराना कानून पूरी तरह से कारगर नहीं
बिजली चोरी करने वाले मीटर लगाने में कर रहे आनाकानी
समस्या होने पर उपभोक्ताओं के पास कोई अधिकार नहीं
कंपनी जो कह रही है और उस पर अमल नहीं हो रहा
प्री-पेड मीटर होने पर उपभोक्ताओं को विशेष सुविधा नहीं
मीटर का शुल्क
लगाते समय: नि:शुल्क
जांच का अनुरोध करने पर
सिंगल फेज: 100 रुपए
छोटे उद्योग: 200 रुपए
बड़े उद्योग: 800 रुपए
मीटर बदलवाने पर
सिंगल फेज: 200 रुपए
थ्री फेज, एलटी: 400 रुपए
थ्री फेज, सीटी: 500 रुपए
खुद मीटर लगाने पर शुल्क
सिंगल फेज: 100 रुपए
थ्री फेज, एलटी: 200 रुपए
थ्री फेज, सीटी: 300 रुपए
विशेष मीटर: 1800 रुपए
11 केवी मीटर: 5000 रुपए
33 केवी मीटर: 5000 रुपए
132/220 केवी: 8000 रुपए
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