पटना: लीज का समाय समाप्त हो चुके शेखपुरा के पहाड़ में चोरी-चुपके अब भी पत्थर खनन किया जा रहा है. सरकार को करोड़ों का राजस्व का चूना लगा रहा है.
अवैध तरीके से पचना और टोटिया पहाड़ में खनन किया जा रहा है. हालांकि, विभाग ने अवैघ खनन से इनकार करते हुए कहा कि कई बार छापेामरी की गई है और अवैध खनन करने वालों को पकड़ा गया है. इसके बाद से खनन का काम बंद है. जिला माइनिंग अफसर अखलाक हुसैन ने कहा कि अभी लीज वाले पहाड़ों में पत्थर खनन किया जा रहा है. कु का एक साल तो कु का तीन व दो साल लीज का समय बचा हुआ है. इसके अलावा सभी पहाड़ों में पत्थर खनन का बंद है. फिर भी यदि चोरी चुपके स्थानीय स्तर पर खनन किया जा रहा है तो विभाग इसपर सख्त कार्रवाई करेगा. विभाग द्वारा एकड़ के भूखंड के लिए साल की बंदोबस्ती किया गया है. बंदोवस्ती के दौरान ही एक दिन में कितना पत्थर खनन करना है, उसका भी मानक तय कर दिया जाता है. जिला का माइनिंग विभाग राजस्व बसूली में टॉप पर है. लक्ष्य से दो सौ फीसद राज्स्व की वसूली करता है.
मटोखर में लीज का मामला हाईकोर्ट में : मटोखर पहाड़ में पत्थर खनन में लगी एरिना कंपनी के लीज का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है. सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने पत्थर खनन के लिए कंपनी के पक्ष में फैसला दे दिया है. परंतु, विभाग के स्तर से मामले को लंबित रखा गया है. अब विभाग इस फैसले के खिलाफ उपरी अदालत में जाने का मन बना रहा है. वहीं, सरकार की ओर से इस बार जिला माइनिंग विभाग का राजस्व वसूली दोगुना से भी अधिक कर दिया गया है. इसबार 98 करोड़ 76 लाख 55 हजार रुपया वसूली करने का लक्ष्य दिया गया है. जबकि, पिले साल में राजस्व वसूली का लक्ष्य 48 करोड़ रुपया था.