भागलपुर: प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गंगा घाटों में सफेद बालू का अवैध खनन जोरों पर है. दिन तो दूर रात में भी माफिया जमकर बालू का खनन कर रहे हैं. इससे यहां बालू माफिया का आतंक बना हुआ है. शाम ढलते ही राहगीर रास्ता बदलना मुनासिब समझ रहे हैं.
दिन-रात गांव से ट्रैक्टर चलने की आवाज़ सुनना सिहमा, मटिहानी, बदलपुरा सहित अन्य गांव के ग्रामीणों के लिये आम बात हो गयी है. ग्रामीण बबलू सिंह, कैलाश सिंह, संजीव कुमार, संजय कुमार आदि ने बताया कि सिहमा में पहले मजदूर के माध्यम से बालू का खनन होता था. लेकिन, अब यहां जेसीबी के माध्यम से बालू खनन हो रहा है. इलाके के लोगों का कहना है कि पुलिस व खनन विभाग के अधिकारी सिर्फ अवैध वसूली में ही लगे रहते हैं. इससे तरफ सरकारी राजस्व को चूना लग रहा है तो दूसरी तरफ पुलिस व खनन विभाग के अधिकारी अकूत संपत्ति बटोरने में लगे हैं. जेसीबी से खनन होने के कारण लगातार ट्रैक्टर और हाईवा गाड़ी का आना-जाना लगा रहता है. बिना तिरपाल से ढंके बालू तेज गति से ले जाने के कारण बालू सड़क पर गिर रहा है. इससे राहगीरों को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने बताया कि हल्की हवा चलने पर बालू उड़कर उनकी आखों तक पहुंच रहा है. इससे आंख ़खराब होने का खतरा बना रहता है. बताया कि वे लोग जान माल की सुरक्षा के लिये रास्ता बदलना मुनासिब समझ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस प्रशासन व खनन विभाग के अधिकारियों से माफिया का मधुर संबंध है. इसी वजह से प्रशासनिक स्तर से बालू माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सिहमा पंचायत के मुखिया बमबम सिंह ने बताया कि बालू माफिया का आतंक यहां चरम पर है. लहलहाती फसल को भी माफिया के द्वारा काटा जा रहा है. बताया कि करीब माह पूर्व सिहमा ढाला के समीप बालू को लेकर ही ट्रैक्टर चालक की गोली मारकर हत्या हो चुकी है. हत्या जैसी घटना होने के बाद - दिन बालू खनन पर रोक लगायी गयी लेकिन इसके बाद बिना रोक-टोक के अवैध खनन जारी है. इस संबंध में थानाध्यक्ष ओम प्रकाश ने बताया कि विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है.