सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर की अनदेखी से निजी चिकित्सक से दिखाने गए मरीज
सिवान न्यूज़: सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कार्यरत चिकित्सक का को मरीजों और उनके परिजनों के प्रति संवेदनहीन रवैया सामने आया. मरीजों का इलाज करने या उनके परिजनों के सवालों का जवाब देने के बजाय चिकित्सक मोबाइल फोन देखने में व्यस्त रहे. चिकित्सक की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर परिजन अपने मरीज को लेकर निजी चिकित्सक से दिखाने चले गए.
सदर अस्पताल में निजी अस्पताल से इलाज बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से परिसर को व्यवस्थित करने के साथ ही डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. लेकिन मरीजों को इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है. सदर अस्पताल में मामूली बैंडेज कराने के लिए घंटों इधर से उधर भटकना पड़ रहा है. मधेपुरा वार्ड 12 निवासी मो. रुस्तम शेख की साढ़े तीन वर्ष की बेटी कायनात प्रवीण को गिरने से शाम हांथ में चोट लग गई थी. की रात एक्सरे करने के बाद दवा देकर उसे घर भेज दिया गया. को सुबह बैंडेज लगवाने के लिए बच्ची को बुलाया गया. परिजन बैंडेज करवाने के लिए बच्ची को लेकर को सुबह 10 सदर अस्पताल पहुंच गए.
ओपीडी में जाने पर उसे इमरजेंसी वार्ड में भेज दिया गया. इमरजेंसी वार्ड में मौजूद चिकित्सक के पास बच्ची को लेकर परिजन पहुंचे. बैंडेज लगवाने के संबंध में परिजन डॉक्टर से पूछते रहे लेकिन उन्होंने कोई जवाब देना जरूरी नहीं समझा. डॉक्टर आराम से मोबाईल चलाने में व्यस्त रहे. बच्ची की मां ने कहा कि सुबह दस बजे से ओपीडी और इमरजेंसी का चक्कर लगाते हुए दिन के साढ़े तीन बज गए. बच्ची का बैंडेज नहीं हो सका. महिला निजी चिकित्सक से दिखाने के लिए बच्ची को लेकर चली गई.
सदर अस्पताल के डीएस डॉ. फूल कुमार ने बताया कि सभी चिकित्सकों को मरीजों का बेहतर इलाज करने का निर्देश दियाग या है. मामले की जांच कराई जाएगी.