पटना न्यूज़: नगर निगम बोर्ड की दूसरी साधारण बैठक शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गयी. महापौर समेत सशक्त स्थायी समिति के सभी सदस्य और कुछ पार्षद बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद सदन से बाहर चले गए. महापौर ने बैठक को स्थगित कर दिया. इसमें सात प्रस्तावों पर मुहर लगनी थी लेकिन कंकड़बाग अंचल के अतिक्रमण प्रभारी के निलंबन का मामला सभी एजेंडों पर भारी पड़ गया. नगर आयुक्त ने दोबारा बैठक शुरू करने की अपील की लेकिन सशक्त स्थायी समिति के सदस्य नहीं माने.
पिछले 3 मार्च को हुए निगम बोर्ड की पहली बैठक में कंकड़बाग अंचल के अतिक्रमण प्रभारी मिथिलेश शर्मा को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था. यह मामला बैठक शुरू होते ही वार्ड 35 के पार्षद राजकुमार गुप्ता ने उठाया. सभी ने एक सुर में नगर आयुक्त से जवाब मांगा कि कर्मी को निलंबित क्यों नहीं किया गया. निलंबन मामले को लेकर बैठक स्थगित कर दी गई. समिति के सदस्य डॉ. अशीष कुमार सिन्हा, इंद्रदीप कुमार चंद्रवंशी, मानोज कुमार और विनोद कुमार ने कहा कि नगर आयुक्त निगम बोर्ड के फैसले पर भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
क्या था मामला: दो माह पहले हुई निगम बोर्ड की पहली बैठक में कंकड़बाग अंचल के अतिक्रमण प्रभारी पर वार्ड 35 के पार्षद ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. पार्षद के मुताबिक कई लोगों ने उनसे शिकायत की थी कि अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रमण प्रभारी ने 15 हजार की मांग की और 5 हजार का रसीद काटा था. पार्षद से बदसलूकी भी की. बताया कि प्रमाण के तौर पर इसका वीडियो भी है. निगम बोर्ड ने फैसला लिया था कि अतिक्रमण प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए.