पटना: 12 से 19 वर्ष के बीच बच्चियों में हॉर्मोनल समस्या होती है. इस समयावधि में माहवारी में गड़बड़ी भी होती है. इसका इलाज नहीं कराने पर मुश्किल हो सकती है. ये बातें स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञों के संगठन फोग्सी के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. बासव मुखर्जी ने कही. पटना ऑब्सटेटिक्स एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी (पोग्स) के सहयोग से सीएमई में 50 से अधिक स्त्रत्त्ी रोग विशेषज्ञ शामिल हुईं.
पोग्स की अध्यक्ष डॉ. मीना सामंत ने कहा कि किशोरियों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है. इस समय उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. कार्यक्रम में मुख्य रूप से कैल्सियम और विटामिन डी 3 की कमी, मेंस्ट्रल माइग्रेन और पॉलसीस्टिक्स ओबेरियन सिंड्रोम पर चर्चा हुई. कहा कि किशोरवस्था में कैल्सियम और विटामिन डी 3 की जरूरत बढ़ जाती है. फोग्सी के एडोलसेंट हेल्थ कमेटी की चेयरमैन डॉ. सुप्रिया जायसवाल ने मेंस्ट्रुल माइग्रेन के बारे में बताया. पॉलसीस्टिक्स ओबेरियन सिंड्रोम में मासिक आगे-पीछे हो जाता है. इसमें बच्चियों में मोटापा आ जाता है. डॉ. नीलू प्रसाद ने कहा कि किशोरियों में होने वाली समस्या के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई. इसके पहले कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. शांति रॉय, डॉ. मंजू गीता मिश्रा, डॉ. विनीता, डॉ. अमिता सिन्हा ने किया.