बिहार
खुद सफल नहीं हो पाई तो बेटी को दी ट्रेनिंग, मां को था कराटे चैंपियन बनने का शौक
Manish Sahu
20 Aug 2023 1:52 PM GMT
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बिहार: वैशाली.कहते हैं कि माता-पिता अपने बच्चों में अपना अक्स देखते हैं. यही कारण है कि माता-पिता जो काम नहीं कर पाते हैं, अपने बच्चों को वह काम करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं.हाजीपुर के बागमली मोहल्ले की नीतू देवी की कहानी भी कुछ – कुछ ऐसी ही है. नीतू देवी कभी खुद कराटे सीखना चाहती थी. लेकिन किसी कारण से वह कराटे नहीं सीख पाई. लेकिन अब जबकि उनकी बेटी बड़ी हो गई, तो नीतू उसे कराटे सीखा रही है. आज उनकी बेटी कराटे में सफलता प्राप्त कर रही है.अब अपनी मां की तरह रुपाली भी सरकार से लड़कियों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों में छात्राओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देने की वकालत कर रही है.
दिल्ली में जीता कांस्य पदक
रूपाली वर्ष 2019 से कराटे सीख रही है. पहली बार जिला स्तरीय प्रतियोगिता में जीत दर्ज की. जिला स्तरीय प्रतियोगिता में जीत के बाद रूपाली का मनोबल बढ़ गया. उसके बाद रूपाली ने राज्य स्तरीय और देश स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया. इसके बाद दिल्ली में आयोजित 17वीं ऑल इंडिया इंडिपेंडेंस कप इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप- 2023 में कांस्य पद जीत कर जिले को गौरवांवित किया.रूपाली की मां नीतू देवी का सपना था कि बेटी आत्मरक्षा के साथ-साथ कराटे में भी जिला और राज्य- देश में परचम लहराए.
पिता चाहते थे बेटी सरकारी नौकरी करे
रूपाली जब कराटे सीखती थी तो पिता नहीं चाहते थे की बेटी कराटे सीखे. उनकी इच्छा थी कि रूपाली पढ़-लिखकर सरकारी नौकरी में जाए. हालांकि बाद में वे मान गए.रुपाली बताती है कि अब कहीं भी अकेले जाने में डर नहीं लगता है. वहीं रुपाली की मां ने बताया कि अब अपनी बेटी को वह घर से बाहर भी अकेले जाने से नहीं रोकती है, क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी बेटी अपनी सुरक्षा खुद कर सकती है. रुपाली की सफलता और आत्मरक्षा के हुनर को देखकर उसकी चचेरी बहन भी कराटे सीख रही है, ताकि वह भी अपनी बड़ी बहन की तरह जिले का नाम रौशन कर सके.
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