बक्सर: संसद में पेश महिला विधेयक सरजमीं पर उतरा तो बिहार में भी संसदीय राजनीति का स्वरूप बदल जाएगा. अभी कम संख्या में जीत रहीं महिलाओं की संख्या कम से कम एक तिहाई सुनिश्चित हो जाएगी.
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. अभी लोकसभा में बिहार की तीन महिला सांसद हैं, जो महज 7.5 फीसदी भागीदारी है. शिवहर से रमा देवी, सीवान से कविता सिंह और वैशाली से वीणा सिंह. अगर महिला आरक्षण विधेयक लागू हुआ तो एक तिहाई के हिसाब से कम से कम 13 महिलाएं तब संसद में बिहार की जनता का प्रतिनिधित्र करने पहुंच जाएंगी. वहीं बात बिहार विधानसभा की करें तो राज्य की 243 विधानसभा सीटें हैं. एक तिहाई आरक्षण लागू हुआ तो बिहार में कम से कम 80 (80.19 ) महिला विधायक चुनकर सदन में पहुंच जाएंगी. आपको बताते चलें कि वर्ष 2020 के विस चुनाव में कुल 26 महिला विधायक चुनकर बिहार विधानसभा में पहुंची हैं, यह महज 10.69 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके पहले 2015 के विधानसभा चुनाव में 28 महिलाएं चुनकर सदन पहुंची थीं जो महज 11.5 फीसदी होता है. ऐसे में वर्तमान महिला विधायकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि 33 फीसदी आरक्षण के लागू होने के बाद विधानसभा में हो जाएगी.