बिहार

सूबे के 3 लाख कुपोषित बच्चों की हुई पहचान

Harrison
11 Aug 2023 9:56 AM GMT
सूबे के 3 लाख कुपोषित बच्चों की हुई पहचान
x
बिहार | राज्य के तीन लाख कुपोषित बच्चों को चिह्नित किया गया है. ये सभी बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र के हैं. इन बच्चों की उम्र तीन साल से कम है. अब इनको समन्वित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के विभिन्न योजना के तहत पौष्टिक भोजन दिया जाएगा. इसके लिए बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया जा रहा है.
बता दें कि आईसीडीएस ने एक पोषण ट्रैकिंग सिस्टम बनाया है. इससे राज्यभर में चल रहे सभी आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों की पूरी जानकारी रखी जाती है. इसमें बच्चों के वजन, उनकी उम्र आदि को आंगनबाड़ी सेविकाएं डालती हैं. इससे बच्चे पोषित है या कुपोषित है, इसे चिह्नित कर पाना आसान हो जाता है. आईसीडीएस के अनुसार राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्र के 80 लाख बच्चे इस पोषण ट्रैकिंग सिस्टम में दर्ज हैं. इसमें 40 लाख ऐसे बच्चे हैं, जो तीन साल के कम उम्र के हैं. इन 40 लाख बच्चों में तीन लाख बच्चे कुपोषित हैं. आईसीडीएस के अनुसार मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधेपुरा, गोपालगंज, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, अरवल आदि जिलों में सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे हैं. इन जिलों में 34 हजार से अधिक बच्चे कुपोषित मिले हैं. वहीं पटना जिले की बात करें तो 10 से 15 हजार कुपोषित बच्चे हैं.
ऐसे रखा जाएगा ख्याल
● सामान्य बच्चों के अलावा कुपोषित बच्चों को अधिक पौष्टिक खाना दिया जाएगा
● हर सप्ताह कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य की जांच होगी
● बच्चों के खाने में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेड आदि की मात्रा बढ़ाई जाएगी
● बच्चों के माता-पिता की काउंसिलिंग कर उन्हें पौष्टिक खाना देने के लिए जागरूक किया जाएगा
जिन कुपोषित बच्चों को ट्रैक किया गया है, उन्हें सही करने के लिए योजना बनाई जा रही है. ऐसे बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्र में विशेष ध्यान देना चाहिए. बच्चों को पौष्टिक खाना मिले, इसके लिए माता-पिता की काउंसिलिंग की जाएगी.
-कौशल किशोर, निदेशक, आईसीडीसी
पोषण ट्रैकिंग सिस्टम के बाद अब आईसीडीएस अपना पोर्टल बना रहा है. इस पर हर आंगनबाड़ी केंद्र की पूरी जानकारी रहेगी. बच्चों को हर दिन क्या खाना मिला, कितने बच्चे उपस्थित हुए आदि. एनआईसी से आईसीडीएस पोर्टल बना रहा है. यह अक्टूबर तक तैयार हो जाने की उम्मीद है.
Next Story