बिहार

सृजन घोटाला मामले में IAS के.पी. रमैया और 2 बैंक प्रबंधकों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

Shantanu Roy
8 Sep 2022 10:51 AM GMT
सृजन घोटाला मामले में IAS के.पी. रमैया और 2 बैंक प्रबंधकों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
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पटना। बिहार में हुए करोड़ों रुपयों के सृजन घोटाला के एक मामले में पटना स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी के. पी. रमैया और दो बैंक प्रबंधकों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश मोतीश कुमार सिंह की अदालत में अलग-अलग अग्रिम जमानत याचिकाएं दाखिल कर मामले में आरोपित के. पी. रमैया, बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक गोलक बिहारी पांडा तथा इंडियन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सनत कुमार झा की ओर से अग्रिम जमानत पर मुक्त किए जाने की प्रार्थना की गई थी। याचिकाओं पर सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने तीनों आरोपितों को अग्रिम जमानत की सुविधा देने से इंकार कर दिया।
मामला भागलपुर में महिला सशक्तिकरण एवं सुद्दढ़ीकरण की विभिन्न सरकारी योजनाओं की करोड़ों रुपयों की राशि की एक अपराधिक षड्यंत्र तथा सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से सृजन नामक संस्था के माध्यम से धोखाधड़ी एवं जालसाजी पूर्वक गबन करने का है। इस मामले में सीबीआई ने आरसी केस नंबर 14 (ए) 2017 दर्ज करने के बाद विशेष अदालत में रमैया समेत 27 लोगों के खिलाफ 18 मार्च 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया था। सम्मन के बावजूद अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण अदालत ने रमैया समेत नौ लोगों के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था। आरोप-पत्र में सृजन की संस्थापक मनोरमा देवी को मृत दिखाया गया है जबकि उसके पुत्र अमित और पुत्रवधू रजनी प्रिया फरार चल रही है।
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