बिहार

गृहमंत्री अमित शाह के दो दिनों के बिहार दौरे से बिहार की सियासत में आई गर्माहट

Shantanu Roy
24 Sep 2022 5:56 PM GMT
गृहमंत्री अमित शाह के दो दिनों के बिहार दौरे से बिहार की सियासत में आई गर्माहट
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बड़ी खबर
किशनगंज। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो दिनों के बिहार दौरे से बिहार की सियासत में गर्माहट बढ़ गई है। शुक्रवार को पूर्णिया में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने जहां भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को लोकसभा और विधान सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर कमर कसने का आह्वान किया वहीं, किशनगंज में आम कार्यकर्ताओं से मिलकर बातचीत की और बिहार के सियासी धरातल की सच्चाई जानी। यहां उन्होंने भाजपा के नेताओं को चुनाव जीतने का मंत्र भी बताया। भाजपा विधायकों-सांसदों के साथ बैठक के बाद अमित शाह ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत की। इस दौरान पत्रकारों ने उनसे ये जानना चाहा कि बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा? इस पर अमित शाह ने कहा कि फिलहाल भाजपा की नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर है। बिहार में भाजपा को कम से कम 32 सीटें जीतने की उम्मीद है और उस मिशन को पूरा करने के लिए भाजपा लग गई है। अमित शाह ने आगे कहा कि बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसकी घोषणा लोकसभा चुनाव के बाद होगी और उन्हीं की अगुवाई में चुनाव लड़ा जाएगा। हमें पूरी उम्मीद है कि बिहार में भाजपा अपने बूते पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। इसके लिए हमें कोई जल्दबाजी नहीं है। अभी हमारा पूरा फोकस 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर है।
अमित शाह ने लालू यादव और नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों बिहार को गुमराह कर रहे हैं। नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के रेस वाले सवाल पर कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री की रेस में कहीं नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार लोकसभा का चुनाव भी कहीं से नहीं लड़ेंगे। यदि विपक्ष का कोई उम्मीदवार है तो वो राहुल गांधी ही होंगे। नीतीश कुमार के फिर से भाजपा के साथ आने के सवाल पर अमित शाह ने कहा, अब नीतीश कुमार के लिए भाजपा में लौटने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं। नीतीश कुमार ने तो खुद भाजपा का साथ छोड़ा है। अब वापस आने के लिए कुछ छोड़ा भी है क्या? पिछली बार राजद से जब छोड़ कर आए थे तो समझ में आता है, लेकिन हमें छोड़ कर जाना समझ में नहीं आया, अमित शाह से जब ये सवाल पूछा गया कि क्या बिहार में गठबंधन टूटने से पहले आपने नीतीश कुमार से बात की थी? इस पर अमित शाह ने बताया कि हमने नीतीश जी को फोन किया था। पूछा क्या सुन रहा हूं? तो उन्होंने कहा कुछ नही ललन सिंह ऐसे ही बोलते रहते हैं। फिर भी हमने कहा अगर छोड़ रहे हो तो पहले बताना। राजनीति में भी एक कटसी होती है। लेकिन, उन्होंने ने कहा नहीं-नहीं हम कहीं नहीं जा रहे हैं। अमित शाह ने पत्रकारों से वजह बताई कि अन्य राज्यों की तरह बिहार में भारतीय जनता पार्टी क्यों नहीं मजबूत हो पायी। उन्होंने कहा कि बिहार में पार्टी इसलिए ग्रोथ नहीं कर पायी क्योंकि हम हमेशा गठबंधन के मोह में रहे। अब हमारे लिए जहां चुनौती है वहीं एक बड़ा अवसर भी है कि भाजपा बिहार में अकेले दम पर सत्ता में आए। इसे हम हमारे कार्यकर्ताओं की निष्टा और प्रतिबद्धता से जरूर प्राप्त कर लेंगे।
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