बिहार

सभी भाषा को साथ लेकर चलने और समाहित करने की ताकत है हिन्दी में : दिव्यानंद

Shantanu Roy
24 Sep 2022 5:59 PM GMT
सभी भाषा को साथ लेकर चलने और समाहित करने की ताकत है हिन्दी में : दिव्यानंद
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बेगूसराय। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बरौनी रिफाइनरी कार्यालय में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए 14 से 29 सितम्बर तक आयोजित हो रहे हिन्दी पखवाड़ा के तहत शनिवार को राजकीय पॉलिटेक्निक में 'अमृत काल में हिन्दी' विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। व्याख्यान में तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर के सहायक प्रोफेसर (हिन्दी विभाग) दिव्यानंद ने हिन्दी के साहित्यिक एवं राजभाषाई पहलू पर विस्तारपूर्वक अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भाषा आपसी जुड़ाव और लगाव का सशक्त माध्यम है। हिन्दी भाषा में वह ताकत है कि वह सभी को अपने साथ लेकर चल सके और सभी भाषाओं के शब्दों को अपने में समाहित करते हुए हिन्दी निरंतर गतिशील है। उन्होंने कहा कि अमृत काल की कल्पना हिन्दी के बगैर नहीं की जा सकती है। भाषाई और सांस्कृतिक विविधता वाले हिंदुस्तान में हिन्दी के माध्यम से ही राष्ट्रीय एका की बात संभव है।
बशर्ते कि हम हिन्दी का प्रयोग करते हुए उदार मन से सभी भारतीय भाषाओं को हिन्दी में सम्मिलित करते हुए आगे बढ़ें। भारतीय संविधान में वर्णित अनुच्छेद 351 की परिकल्पना इसी को ध्यान में रखकर की गई थी। भाषा समाज की संपत्ति है, अतः हम सभी इसे मिलकर आगे बढ़ाएं और इसका संवर्धन करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार ने हिन्दी के महत्व और आजादी में हिन्दी के योगदान पर प्रकाश डाला तथा उत्कृष्ठ आयोजन के लिए बरौनी रिफाइनरी के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन युवा कवि सुधांशु शेखर 'फिरदौस' ने किया। कार्यक्रम में प्रस्तावना और वक्ता का परिचय बरौनी रिफाइनरी के वरिष्ठ हिन्दी अधिकारी शरद कुमार ने दिया। उन्होंने कहा कि सबको साथ एवं सबको आत्मसात करते हुए बरौनी रिफाइनरी अपने कार्यालय में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने की ओर अग्रसर है। इस अवसर पर बरौनी रिफाइनरी द्वारा आयोजित कविता पाठ प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया।
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