बिहार
एनटीपीसी यूनिट के बंद होने से बिहार में बिजली की भारी किल्लत, 800 मेगावाट कम मिली बिजली
Renuka Sahu
17 July 2022 2:21 AM GMT
x
फाइल फोटो
एनटीपीसी की तीन इकाइयों के बंद होने से राज्य में बिजली की किल्लत हो गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एनटीपीसी की तीन इकाइयों के बंद होने से राज्य में बिजली की किल्लत हो गई है। मांग से करीब 800 मेगावाट बिजली कम मिलने के कारण राज्य के दर्जनों ग्रिड को लोडशेडिंग में रखना पड़ा। कंपनी ने रोटेशन के आधार पर बिजली देने की पूरी कोशिश की, लेकिन शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में आठ से दस घंटे तक बिजली गुल रही।
एनटीपीसी की नवीनगर यूनिट में उत्पादन ठप
कंपनी अधिकारियों के अनुसार एनटीपीसी की नवीनगर यूनिट से एक-दो दिन उत्पादन होने के बाद फिर बंद हो गया। इस कारण बिहार को 525 मेगावाट बिजली कम हो गई। बरौनी की यूनिट संख्या छह से उत्पादन बंद होने के कारण 97 मेगावाट कम हो गई। जबकि ओड़िशा की दरीपल्ली यूनिट बंद होने के कारण 90 मेगावाट बिजली कम मिली। अन्य यूनिटों से भी पूरा उत्पादन नहीं हुआ। इस कारण बिहार को केंद्रीय सेक्टर से तय कोटा से 800 मेगावाट तक कम बिजली मिली।
भीषण गर्मी से बढ़ी हुई है खपत
खुले बाजार से बिजली खरीद कर कंपनी ने देर रात आठ बजे 5711 मेगावाट की आपूर्ति की, लेकिन यह नाकाफी रहा। बारिश नहीं होने के कारण राज्य में अभी गर्मी का प्रकोप जारी है। इस कारण बिजली खपत में कोई कमी नहीं आ रही है। भीषण गर्मी का परिणाम है कि 15 जुलाई को कंपनी ने 6138 मेगावाट बिजली आपूर्ति की। इसके बावजूद 1106 मेगावाट की किल्लत रही।
शहरों में दी गई 20 घंटे बिजली
कम बिजली मिलने के कारण कंपनी ने शहरी व अर्धशहरी इलाकों को प्राथमिकता दी। शहरी इलाकों में 20 घंटे से अधिक बिजली दी गई। जबकि अर्धशहरी इलाकों में 18 घंटे से अधिक बिजली दी गई। वहीं, ग्रामीण इलाकों में कम से कम 16 घंटे बिजली देने की कोशिश की गई। वैसे कृषि फीडर को रात में आठ घंटे बिजली देने की कोशिश की गई, ताकि किसानों को खेती में परेशानी नहीं हो।
Next Story