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सुप्रीम कोर्ट
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : बालू खनन से जुड़े मामलों की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी। जून माह तक बालू खनन के लिए सरकार ने सु्प्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी है, जिससे बरसात से पूर्व स्टाक जमा करने और बाजार को नियंत्रित करने में सहूलियत मिल सके। विकास व निर्माण कार्य की गति में अवरोध पैदा नहीं हो सके।दूसरी ओर राज्य सरकार को राजस्व को नुकसान से बचाया जा सके। बता दें कि पर्यावरण की सुरक्षा के मानकों को सुरक्षित करने के लिये बालू के अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाया गया था। ऐसा ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से आपत्ति के बाद बालू घाटों की निविदा पर प्रतिबंध लगाया गया था। पहले की तरह कोर्ट के आदेश से कुछ प्रतिबंधों के साथ इजाजत मिलने की संभावना जताई गई है।
इसके बाद जिले के विभिन्न 25 बालू घाटों से फिर से खनन शुरू हो जाएगा। विभाग के अनुसार पूर्व के अनुभवों को देखते हुये खान व भूतत्व विभाग को जून के पहले सप्ताह में फिर से एक माह के लिए खनन मिल सकता है। बता दें कि खान व भूतत्व विभाग के निर्देश के आलोक में 27 मई की आधी रात को जिले के सभी बालू घाटों से खनन बंद कर दिया गया है। वैसे बालू घाटों को गत 26 मई की आधी रात से बंद करने की घोषणा की गई थी। लेकिन विभाग से चिट्ठी उस दिन नहीं मिलने के कारण सभी बालू घाटों पर खनन जारी रहा। जिले के 25 बालू घाटों पर खनन का अधिकार एक अप्रैल से आठ सप्ताह के लिए दिया गया था।
इस अवधि को खत्म हो जाने के कारण बालू खनन पर रोक लगी थी।
सोर्स-jagran
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