गया न्यूज़: स्वास्थ्य विभाग ने 500 से अधिक कर्मियों के स्थानांतरण को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. इनका तबादला एक दिन पहले ही किया गया था. तबादला किस आधार पर किया गया, इसकी जांच के लिए एक समिति भी बनाई गई है.
विभागीय अधिसूचना के अनुसार स्थानांतरण निदेशक प्रमुख और ओएसडी के माध्यम से किया गया था. विभाग ने इसे अवैध माना है. कहा गया है कि यह विभागीय नियमानुसार नहीं है. इसलिए इसकी जांच के लिए सचिव संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है. जानकारी के अनुसार एक्स-रे टेक्निशियन, चतुर्थवर्गीय कर्मी, लिपिक, शल्य कक्ष सहायक, प्रयोगशाला प्रावैधिक, फॉमॉसिस्ट, लिपिक व विविधि श्रेणी के कर्मियों का स्थानांतरण रद्द किया गया है. वहीं दूसरी ओर विभाग ने दो चिकित्सकों को अंतर्जिला स्थानांतरित किया है. इसके अलावा 12 प्रखंड प्रसार प्रशिक्षक, चार सहायक औषधि नियंत्रक, 12 सहायक औषधि नियंत्रक, 35 औषधि निरीक्षक और औषधि नियंत्रक प्रशासन में कार्यरत 24 औषधि निरीक्षकों का स्थानांतरण किया गया है.
मदरसा शिक्षकों और कर्मियों का वेतन जारी
राज्य के 190 मदरसों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है. विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में 609 कोटि के मदरसों का वेतन स्थगित कर त्रिसदस्यी समिति द्वारा जांच की जा रही है. जांच में सही पाये गये 107 मदरसों का वेतन 24 अप्रैल, 2023 को जारी किया गया था. इसी कड़ी में और 190 को वेतन भुगतान का आदेश जारी किया गया है.
विभाग ने अपने जारी आदेश में यह भी कहा है कि 284 मदरसों को प्रस्वीकृति की शर्तों को पूरा करने के लिए छह माह का समय दिया गया है. छह माह में जिन मदरसों द्वारा शर्तों को पूरा कर लिया जाएगा, उनमें कार्यरत कर्मियों का वेतन न्यायालय के आदेश के आलोक में जिलास्तर पर गठित समिति द्वारा भौतिक सत्यापन कर वेतन निर्गत किया जाएगा.