स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग को बीमारियों की स्क्रीनिंग की जिम्मेदारी मिली
कटिहार: सरकारी स्कूलों में बच्चों की 43 तरह की बीमारियों की स्क्रीनिंग होगी. इसे विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग को इसकी जिम्मेदारी मिली है.
समग्र शिक्षा के डीपीओ कृष्णानंद सादा ने बताया कि बच्चों में रोगों की स्क्रीनिंग के लिए जन्म दोष से लेकर चाइल्डहुड डिजीज, विकास में बाधा जैसी श्रेणियां बनाई गई हैं. हर महीने इन सब पर जांच कर रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा. इसके आधार पर बच्चों का स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखा जाएगा. इससे स्वास्थ्य के बारेे में विभाग को जानकारी प्राप्त हो सकेगी. जांच के दौरान आवश्यक सेवाओं का प्रयोग किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अब तक सामान्य जांच की प्रक्रिया होती थी. अब इसमें बदलाव किया गया है. इसे जमीनी स्तर पर उतारने के लिए राज्य, जिला और प्रखंड स्तर तक समिति बनाई गई है. समिति में स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों को रखा गया है. उनकी जिम्मेदारी भी तय की गई है.
हर बच्चे का इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड: डीपीओ ने बताया कि हर बच्चे के स्वास्थ्य का होगा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड प्रत्येक विद्यार्थी के स्वास्थ्य का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड होगा. हर बच्चे का स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा. इसमें स्वास्थ्य जांच एवं सेवा एक्सेस डाटा शामिल होगा. प्रत्येक बच्चे की स्क्रीनिंग और रेफरल रिकार्ड को भी डिजिटल किया जाना है. एक बार जब स्कूल में बच्चे की जांच कर रेफर किया जाएगा तो यह सुनिश्चित कराना होगा कि आवश्यक उपचार में परिवार को राशि खर्च नहीं करनी पड़े. इसके लिए शिक्षा विभाग पूरी तरह गंभीर है.