नालंदा: अतिक्रमण व जलभराव आम लोगों को किसी तरह परेशान कर सकती है. इसके दर्शन करने हैं, तो हरनौत बाजार पहुंचे. बिहार झारखंड की लाइफ लाइन एनएच 20 हो या बिचली बाजार, आदर्श नगर हो या पटेल नगर हर तरफ बस अतिक्रमण व जलभराव ही नजर आएगा.
गत 30 साल में भी हरनौत बाजार की तस्वीर नहीं बदली. आबादी बढ़ती गयी, अतिक्रमण बढ़ता गया पर जलनिकासी की पुख्ता व्यवस्था नहीं हो सकी. नतीजा कई घरों में नाले का गंदा पानी भरा जाता है. शौचालय का पानी किचन तक पहुंच जाता है. बारिश होने पर लोग कमरे में भी ईंट लगाकर जाने को बाध्य हैं. आदर्श नगर व पटेल नगर के सैकड़ों लोग तो इस गंदे पानी से होकर ही घर पहुंच पाते हैं. यही इनकी नियती बन चुकी है.
ऐसा नहीं कि इसके लिए प्रयास नहीं हुए. कुछ स्थानीय लोगों की मनमानी तो कुछ अधिकारियों की लापरवाही और इस पर जनप्रतिनिधियों के उदासिन रवैये... ने हरनौत को बद से बदतर बना दिया. हल्की सी बारिश में ही सड़कें गंदगी व पानी में गुम हो जाती है. इसके लिए आदर्श नगर निवासी दुखित महतो समेत अन्य डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगा चुके हैं. बावजूद नतीजा ढाक के तीन पात, आज तक कुछ नहीं हुआ. आदर्श नगर निवासी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि विकास की दौड़ में हरनौत बाजार की समस्या पीछे छूटता जा रहा है.
समाजसेवी चंद्रदेव कुमार मुन्ना ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रेल कारखाना का शिलान्यास करने यहां आए थे. उस समय दिन-रात काम कर स्टेशन को मॉडल बनाया गया था. लेकिन, आज वहां भी एक साधारण स्टेशन जैसी सुविधाएं नहीं हैं. बीडीओ आवास में पानी भर जाता है. प्रखंड परिसर में महीनों जलजमाव रहता है. राजनेताओं की ह्रदय स्थली पटेल नगर भी इससे अछूता नहीं है. शिवाजी नगर, अंबेडकर नगर, पटेल नगर, आदर्श नगर, शिक्षक कॉलोनी, हनुमान नगर समेत कई मोहल्ला इससे जुझ रहे हैं.
17 करोड़ का प्रोजेक्ट भी बेकार बाजार को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए डूडा के सहयोग से 17 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट बना था. लेकिन, प्रोजेक्ट फाइलों में ही दम तोड़ रही है. इसका रत्ती भर भी फायदा नहीं हुआ.
एनएच 20 के दोनों तरफ जलनिकासी के लिए नाला भी बना. वो पैसे भी नाला में ही दफन हो गया. आज भी कई जगहों पर सड़क पर ही पानी बह रहा है.