पटना: बिहार से लोकसभा में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व भले ही नगण्य है, पर आधी से अधिक 60 फीसदी का फैसला करने में वह अग्रणी भूमिका अदा करती हैं. इनमें ज्यादातर क्षेत्र उत्तर बिहार के हैं, जो पिछड़े माने जाते हैं. इनमें ज्यादातर ऐसे क्षेत्र हैं जहां से दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जाने वाले पुरुषों का औसत ज्यादा है.
14 में 26 सीटें ऐसी थी जहां महिला का वोट प्रतिशत पुरुषों से अधिक था. इनमें कटिहार, सुपौल, किशनगंज आदि है. वहीं, 19 में पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट, जहानाबाद और गया क्षेत्रों को छोड़ कर शेष सभी 32 सीटों पर महिलाओं ने अधिक मतदान किया था. जानकार इसे बिहार में महिलाओं की शिक्षा की बेहतर हुई स्थिति और आयी जागरूकता का नतीजा बताते हैं.
19 में 56 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी. महिलाओं का वोट अधिक होने पर भी वे तीन सीट शिवहर से भाजपा की रमा देवी, वैशाली से लोजपा की वीणा देवी और सीवान से जदयू की कविता सिंह जीत सकीं. वहीं, 19 में महिलाओं ने 4.66 प्रतिशत अधिक मतदान किया था. इस वर्ष 55.26 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने जबकि 59.92 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने मतदान किया था. 14 में मुंगेर से लोजपा की वीणा देवी, शिवहर से भाजपा की रमा देवी, सुपौल से कांग्रेस की रंजीता रंजन ने जीत दर्ज की थी.
तीन करोड़ करेंगी मतदान
इस बार 3 करोड़ 64 लाख 01 हजार 903 महिला मतदान करेंगी. इनकी संख्या अक्टूबर 23 में 3 करोड़ 57 लाख 71 हजार 306 थी. मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद संख्या में 6 लाख 30 हजार 597 की बढोतरी हुई. 19 में यह 3 करोड़ 35 लाख 25 हजार 722 थी. पुरुषों की तुलना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है.