मुजफ्फरपुर न्यूज़: प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए नहरों के ढलान (स्लोप) व चाट भूमि के साथ-साथ नदियों के तटबंधों पर पेड़ लगाए जाएंगे. इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है. यही नहीं इसमें किस-किस क्षेत्र में कौन-कौन से पेड़ लगाने हैं, इसकी भी योजना बनायी गयी है. पिछले दिनों विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में चाट भूमि व ढलान पर पेड़ लगाने को लेकर विस्तार से मंथन किया गया. बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी और जल संसाधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल मौजूद थे.
इसके तहत ऐसे सभी स्थलों को चिह्नित की जानी है, जहां पौधरोपण किया जा सकता है. बैठक में यह बात भी सामने आई कि जल संसाधन विभाग के नहरों में काफी मात्रा में चाट भूमि उपलब्ध हैं. यही नहीं बड़ी संख्या में ऐसे तटबंध और उसके ढलान भी हैं, जहां पेड़ लगाए जा सकते हैं. इसके बाद विकास आयुक्त ने जल संसाधन विभाग और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को इसकी संयुक्त जिम्मेवारी सौंपी. दोनों विभागों को स्थल पहचान और पौधरोपण की कार्ययोजना बनाने की जिम्मेवारी सौंपी. इसके तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के डीएफओ और जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंताओं को सर्वेक्षण कर जमीन की पहचान का टास्क सौंपा गया.
हरियाली पट्टी बढ़ाने पर जोर: राज्य सरकार सूबे में हरियाली पट्टी बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है. उसकी योजना हर हाल में इस साल 17 फीसदी हरियाली का लक्ष्य प्राप्त कर लेना है. इसके लिए नहरों की चाट भूमि, स्लोप के साथ-साथ नदियों के खाली पड़े तटबंध बेहतर भूमिका निभा सकते हैं. लिहाजा, सरकार उसी के अनुरूप काम कर रही है. चाट भूमि पर पौधरोपण करने से भारतीय मानक ब्यूरो और केन्द्रीय जल व विद्युत आयोग के स्तर से निर्गत तटबंध मैनुअल के प्रावधानों का अनुपालन भी संभव हो सकेगा.