बिहार

परदादा ने किया अंतरजातीय विवाह, खामियाजा भुगत रही पीढ़ी

Admin Delhi 1
16 March 2023 9:51 AM GMT
परदादा ने किया अंतरजातीय विवाह, खामियाजा भुगत रही पीढ़ी
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बिलासपुर न्यूज़: 50 साल पूर्व परदादा ने दो शादियां की, इसमें एक शादी अंतरजातीय विवाह थी. इस वजह से एक समाज ने परदादा को समाज से बहिष्कृत कर दिया. इसका खामियाजा अगली पीढ़ियों को भी भुगतना पड़ रहा है सामाजिक बहिष्कार का चलन प्राचीन

भारतीय समाज में जाति व्यवस्था काफी पुरानी हैं. समाज से बाहर शादी करने पर युवक व युवती को समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता हैं, ऐसे मामले ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा सामने आते हैं. भारत सरकार व न्यायालय ने बालिगों को अंतरजातीय विवाह करने की अनुमति दी है. इसके लिए 1954 विशेष विवाह अधिनियम भी है. किसी को समाज से बहिष्कृत करना अपराध की श्रेणी में आता है.

हर्ष पाण्डे, प्रोफेसर सामाज शास्त्र एयू

किसी सामाज का लड़का या लड़की अगर दूसरी जाति में अंतरजातीय विवाह कर लेते है तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है. यह प्रथा प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति का हिस्सा बनी हुई है. खुले तौर पर तो समाज का यह पहलू दिखाई नहीं देता, लेकिन प्रताड़ना जब हद से अधिक बढ़ जाती है तो कुछ लोग थाने अवश्य पहुंचते हैं और शिकायत भी दर्ज कराते हैं.

प रदादा के बाद दादा और फिर पिता ने भी सामाजिक बहिष्कार का दंश झेला. नई पीढ़ी, काफी प्रयास के बाद समाज के दीवान से मिन्नत कर वर्ष 2022 में पुन: समाज में मिल गई. लेकिन समाज में मिलने के बाद भी कुछ लोग पीड़ित परिवार को अपमानित कर छुआछूत जैसा बरताव करने में लगे हुए हैं.

पीड़ित परिवार ने बेलगहना चौकी में शिकायत की है. पुलिस अपराध दर्ज कर जांच को आगे बढ़ा रही है.पीड़ित परिवार की माने तो समाज में शामिल होने के लिए समाज के मुखिया व दीवान के कहे अनुसार जो भी सामाजिक रीति रिवाज व मेल जोल के लिए शर्तें थीं उनका पालन किया. समाज का एक बड़ा वर्ग उनके साथ है और हर काम में बुलावा भी आता है. समाज के कुछ लोग ऐसे भी है जो परिवार के किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचने पर अपमानित करते हैं, साथ ही उन सामाजिक लोगों का भी अपमान करते हैं जो उन्हें अपने परिवार में न्योता देकर बुलाते हैं.

बेलगहना क्षेत्र के आमाटोहा निवासी अमृत बाई गोड की 95 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी. वृद्धा का शव दो दिनों तक उनके घर में सड़ता रहा. बेलहना पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच की तो पता चला कि अमृत बाई को समाज ने 45 साल पहले अंतर जतीय विवाह करने पर समाज से बहिष्कृत कर दिया था. पुलिस की समझाइश के बाद सामाज के लोगो ने वृद्ध महिला के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए. पुलिस व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महिला का अंतिम संस्कार किया था.

बेलगहना से एक शिकायत मिली. शिकायत में सामाजिक बहिष्कार की वजह से एक परिवार काफी परेशान था. कुछ लोग पीड़ित परिवार को परेशान कर रहे थे, शिकायत पर अपराध दर्ज कर जांच की जा रही है.

संतोष कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक, बिलासपुर

अंतरजातीय विवाह की वजह से सामाजिक बहिष्कार का शिकार होने वालों की संख्या बहुत है. इसके लिए अलग से कानून बनाने की आवश्कता है. हाईकोर्ट में याचिका भी दायर है. समाज में यह प्रथा सामाप्त होनी चाहिए.

गायत्री सुमन, अधिवक्ता

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