सिवान न्यूज़: प्रखंड के ग्राम हरिहरपुर हनुमान मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्री श्री 108 श्री केसरी नंदन महायज्ञ की शुरुआत पूजा - अर्चना के बाद भव्य कलश यात्रा निकाली गई. कलश यात्रा चांद टोला, वीरा टोला , के रास्ते बर होगा धमई नदी के तट पर पहुंचकर , पूजा अर्चना कर श्रद्धालुओं द्वारा कलश में जल भरकर इमलिया मोड़ के रास्ते बर होगा कोठी, दुबे टोला, होकर हनुमान मंदिर पर पहुंची. कलश यात्रा में कन्याओं सहित पुरुष एवं महिला जिनकी संख्या हजारों में थी , नए वस्त्रत्तें में सज - धजकर श्री केसरी नंदन महाबल शाली, संकट मोचक,श्री हनुमान का जयघोष किया. दृश्य अति सुंदर, हरियाली मे लिपटी हुई धरती ,चारों ओर लहलहाता हुआ फसल ,ऐसे में श्री केसरी नंदन हनुमान जी के यज्ञ अनुष्ठान से हरिहरपुर हनुमान मंदिर की धरती भक्ति मय हो गया. इस यज्ञ में बच्चे एवं नौजवान सभी शामिल थे. मंदिर के निकट मेला जैसा वातावरण दिखाई दे रहा था. केसरी नंदन महायज्ञ की 20 मार्च को पूर्णाहुति होगी. इस मौके पर पूर्व मुखिया अशोक पंडित, श्रीनिवास प्रसाद, सत्यदेव यादव, दरोगा पहलवान ,भिखारी सिंह, अनिल पंडित, प्रियांशु दुबे ,मुसाफिर प्रसाद, हंस नाथ दुबे ,अशोक सिंह आदि उपस्थित थे.
ज्ञान गंगा में स्नान करने से तन-मन दोनों होते प्रखंड के चांद परसा राम जानकी मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन की शाम वृंदावन से पधारे पंडित श्री गोविंद मुद्गल शास्त्रत्त्ी ने अपने मुखारबिंद से कथा का वाचन किया. जिसमें श्रोताओं से कहा कि भागवत के भ माने भक्ति, ग माने ज्ञान, व माने वैराग्य व त माने त्याग होता है. उन्होंने कहा कि भक्ति ज्ञान बैराग्य व त्याग हो उसी का नाम भागवत है. जिसमे भक्तों के चरित्र छुपे हो उसी को भागवत कहते है. उन्होंने कहा कि बहती नदियों में जैसे गंगा श्रेष्ठ है, देवताओं में श्रीकृष्ण श्रेष्ठ है, बैराग्यों में भगवान शंकर श्रेष्ठ है. उसी प्रकार पुराण में श्रीमद्भागवत महापुराण श्रेष्ठ है. श्रीमद्भागवत पुराण का तिलक बताया है.