बिहार

केन्द्रीय विश्वविधालय के छठें स्थापना दिवस पर हुआ भव्य समारोह का आयोजन

Shantanu Roy
3 Oct 2022 5:48 PM GMT
केन्द्रीय विश्वविधालय के छठें स्थापना दिवस पर हुआ भव्य समारोह का आयोजन
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मोतिहारी। केविवि के छठे स्थापना दिवस पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन आज विवि के बुद्ध परिसर में किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद प्रकाश ने की।वही कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो.वैद्यनाथ लाभ, कुलपति,नव नालन्दा महाविहार, नालन्दा,विशिष्ट अतिथि प्रो.विजय कुमार कर्ण,अध्यक्ष, संस्कृत विभाग,नव नालन्दा महाविहार,नालन्दा एवं दूसरे विशिष्ट अतिथि के रूप में डीएम शीर्षत कपिल अशोक कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया।मुख्य अतिथि के रूप में नव नालन्दा महाविहार के कुलपति प्रो.वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि शिक्षा का सही अर्थ चरित्रवान एवं ज्ञानवान होना है। उन्होंने कहा कि गाँधी भी यही चाहते थे कि ऐसी शिक्षा हो जो मानवीय सद्गुणों से युक्त हो। उन्होंने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि आने वाले विद्यार्थियों के लिए यह प्रेरणास्रोत का काम करेगा।वही अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. आनंद प्रकाश ने विवि की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो भी कमियां रह गई है, उसे समाप्त किया जायेगा।मै इसके लिए संकल्पित हुँ। विश्वविद्यालय आकाश की ऊंचाइयों को छुए और पूरी दुनिया में अपना परचम लहराए यह हमारी कामना है।वहीविशिष्ट अतिथि डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 5 महीने के अदंर केविवि को मिलने वाली निर्धारित 300 एकड़ ज़मीन ज़िला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध करा दी जाएगी। इस दिशा में कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।
मंच पर विशिष्ट अतिथि नव नालन्दा महाविहार के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो.विजय कुमार कर्ण ने अपने संबोधन में कहा कि यह कार्यक्रम भारत कि गौरवशाली परम्परागत मूल्य एवं शिक्षा दर्शन को दर्शाता है। कार्यक्रम के शुभारंभ में गोपाल कृष्ण मिश्र, शोधार्थी, संस्कृत विभाग ने मंगलाचरण प्रस्तुत किए। अतिथियों का सम्मान पुष्प गुच्छ,अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्हसे कुलपति के द्वारा किया गया। वही कुलपति को छात्र कल्याण अधिष्ठाता के द्वारा सम्मानित किया गया।स्वागत भाषण प्रो. आशीष श्रीवास्तव अधिष्ठिता शिक्षा संकाय एवं निदेशक, बुद्ध परिसर ने दी। उन्होंने अपने भाषण में चम्परण की मिट्टी के महत्व और लोकप्रियता से रुबरु करवाया। उन्होंने कहा कि चम्पारण की इस भूमी का भारत को स्वतंत्रता दिलाने में और गांधी को महात्मा बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने प्रशासन से यह भी मांग की ऐसी व्यवस्था हो जिससे हम अगली स्थापना दिवस विवि के अपने परिसर में मना सकें। गांधी जयंती और स्थापना दिवस समारोह पर विश्वविद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता के विजेयताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि,विशिष्ट अतिथि एवं विवि के कुलपति के द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रतिभागियों को उनके कला प्रदर्शन के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विश्वविद्यालय के शिक्षकगण जिन्होंने निर्णायक की भूमिका निभाई थी उन्हें स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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