बिहार

ओमिक्रॉन से लड़ने की तैयारी में सरकार, 254 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछेगी, ट्रायल रन सफल रहा

Renuka Sahu
30 Dec 2021 6:02 AM GMT
ओमिक्रॉन से लड़ने की तैयारी में सरकार, 254 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछेगी, ट्रायल रन सफल रहा
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फाइल फोटो 

कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए बिहार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाई जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए बिहार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर राज्य के चिह्नित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (बीएमएसआइसीएल) के माध्यम से पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इसके लिए बीएमएसआइसीएल द्वारा निजी क्षेत्र की कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किया है।

स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य के 254 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने के लिए चिह्नित किया गया है। इनमें सभी प्रमंडलों के प्रमुख जिलों को शामिल किया गया है। सबसे अधिक तिरहुत प्रमंडल में 56 सीएचसी में ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जबकि सारण प्रमंडल में 27, दरभंगा प्रमंडल में 32, कोसी प्रमंडल में 17, पूर्णिया प्रमंडल में 25, मुंगेर प्रमंडल में 20, भागलपुर प्रमंडल में 14, पटना प्रमंडल में 27, मगध प्रमंडल में 36 सीएचसी में ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछेगी।
ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ने से इलाज में होगी सुविधा
राज्य में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच ऑक्सीजन की उपलब्धता मरीजों के बेड तक बढ़ने से उनके इलाज में सुविधा होगी। ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भरता में भी कमी आयेगी। राज्य में मई, 2021 के दौरान कोरोना संक्रमण के पीक समय में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी। राज्य सरकार एक बार फिर कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए ऑक्सीजन जनरेटर मशीन और ऑक्सीजन टैंक लगाए जाने के बाद अब ऑक्सीजन को मरीजों के बेड तक पहुंचाने की कवायद में जुट गयी है।
पीएसए प्लांटों में ट्रायल रन सफल रहा
विभागीय सूत्रों के अनुसार राज्य में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए लगाए गए 116 पीएसए (प्रेशर स्विंग एड्जॉर्ब्शन) प्लांटों का संचालन शुरू हो गया है। इनमें ऑक्सीजन उत्पादन को लेकर ट्रायल रन भी सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है।
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