गोपालगंज न्यूज़: प्रखंड क्षेत्र के किसानों के लिए सरकारी सिंचाई सुविधा नकारा साबित हो रहा है. करोड़ों की लागत से दो दर्जन से अधिक राजकीय ट्यूबेल प्रखंड क्षेत्र में मौजूद है, लेकिन कहीं यांत्रिक गड़बड़ी, तो कहीं चैनल धवस्त रहने के कारण पटवन बाधित है. इसकी वजह से किसानों को निजी नलकूप के सहारे महंगे दामों पर पटवन की मजबूरी है. किसानों का कहना है कि खेती के लिए सिंचाई बहुत ही जरूरी है. इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है. अगर बेहतर सिंचाई की सुविधा सरकारी स्तर पर उपलब्ध करा दी जाए तो खेती में किसान निहाल हो जाएंगे. प्राणपुर गांव के रामविलास राम बताते हैं कि राजकीय नलकूप के लिए हमने जमीन उपलब्ध कराई. बोरिंग भी गड़ा और भवन भी बन गए. बिजली की सुविधा भी उपलब्ध हो गई लेकिन एक दशक बाद भी इसे चालू नहीं किया गया. क्या तकनीकी समस्या है यह तो विभाग ही बता सकता है.
प्राणपुर गांव के किसान सब्जी उत्पादन में अग्रणी माने जाते हैं. रजौड़ पंचायत में दो राजकीय नलकूप बर्षो से बेकार पड़े हुए हैं.
कुम्हारसों, भंसी और बुजुर्गाबाद में राजकीय ट्यूबेल विभिन्न फेज में गाड़े गए जो सभी बंद हैं. भंसी में तो मोटर भी नहीं है और बिजली की व्यवस्था भी नहीं. नाले सारे ध्वस्त हो चुके हैं. कुम्हारसों में चैनल क्षतिग्रस्त रहने के कारण ट्यूबेल बंद रहने से लोगों ने नाला को अतिक्रमण कर लिया है. मालीपुर,मोरतर, सुजानपुर, हरखपुरा, दुनहीं, कनौसी, मणिकपुर का राजकीय नलकूप भी ठप है. इसकी देखरेख के लिए अब कोई ऑपरेटर भी नहीं है. राजकीय नलकूप के देखरेख की जिम्मेदारी पंचायत के हवाले किया गया लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाया.