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अभाव में पश्चिम इलाके की सड़कें जर्जर
बिहार रख-रखाव नहीं होने से जिले के पश्चिमी इलाके में हाल के वर्षों में बनीं करीब एक दर्जन सड़कें गड्ढे में तब्दील होती जा रही हैं. आलम यह है कि इन सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. जगह-जगह सड़क टूट रही है. हादसे भी हो रहे हैं. थावे-गवंदरी, भेड़िया- बसडीला, थावे-लाइन बाजार, मीरगंज पावर सब स्टेशन से अरना बाजार, कटेया-भागीपट्टी, कटेया-भोरे-मीरगंज , लुहसी मीरगंज, सांखे बजार-असंदापुर, बथुआ बाजार-पकड़ी श्याम, हथुआ कुसौंधी, शिवमंदिर से मछागर जगदीश व मीरगंज-भोरे मुख्य सड़कों का रख रखाव नहीं हो पा रहा है. पथ निर्माण विभाग की ओर से भी इसके लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पांच वर्षों तक सड़क का रख-रखाव करने के लिए जिम्मेवार एजेंसियों व संवेदकों का अता-पता नहीं है. थावे के गजाधर टोला गांव के चितरंजन उपाध्याय, गवंदरी के अजित सिंह व बुलेट सिंह ने बताया कि सड़क रख-रखाव नहीं होने से दो-तीन वर्षों में ही गड्ढे में तब्दील हो रही है. पड़रौना पट्टी के विजय सिंह, कटेया के पानन महुंअवा व कौशल किशोर मिश्रा ने बताया कि पथ निर्माण विभाग की ओर से हाल में बनी सड़कों में हुए गड्ढे को नहीं दुरुस्त कराने से आवागमन में फिर परेशानी हो रही है. अमवा के संतोष तिवारी, उचकागांव के साथी गांव के मकसूदन सिंह, बलेसरा के राजेश दुबे, सुरेन्द्र पंडित, जमसड़ी के अवधेश श्रीवास्तव ने बताया कि रख-रखाव करने वाली एजेंसी का कहीं कोई अता-पता नहीं है. हथुआ के बगही के पूर्व सरपंच तनवीर अहमद,सिंगहा के पूर्व मुखिया कृष्णा चौरी आदि ने बताया कि पथ निर्माण विभाग व ग्रामीण कार्य विभाग सड़कों के निर्माण हाल के वर्षों में कराया है.
बरसात में आवागमन करने में होती है परेशानी ग्रामीणों के अनुसार बरसात के दिनों में सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढों में पानी भर जाता है. लोग गिरकर घायल हो जाते हैं. थावे-लाइन बाजार सड़क के जर्जर हो जाने के चलते जिले के विजयीपुर, पंचदेवरी, भोरे, कटेया व अन्य प्रखंडों से थावे आने वाले श्रद्धालुओं की सबसे अधिक परेशानी होती है. लोग सड़क की स्थिति खराब होने से 15 से 20 किलोमीटर दूरी तय कर दूसरे रास्ते से थावे स्थित मां से दर्शन करने आते-जाते हैं. कई बार इसके चौड़ीकरण व मजबूतीकरण के लिए आवाज उठायी गई. लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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