बिहार

Gopalganj: सरकारी साधन बदहाल रहने से गहराया सिंचाई का संकट

Admindelhi1
29 Jan 2025 9:41 AM GMT
Gopalganj: सरकारी साधन बदहाल रहने से गहराया सिंचाई का संकट
x
"1 लाख 13 हजार हेक्टेयर में लगी फसलों की सिंचाई किसान निजी या भाड़े के पंप सेट से करने को विवश"

गोपालगंज: जिले में मौसम की बेरुखी व सरकारी सिंचाई साधनों की बदहाली से किसानों को रबी फसल के लिए सिंचाई का संकट झेलना पड़ रहा है. आलम यह है कि करीब 1 लाख 13 हजार हेक्टेयर में लगी फसलों की सिंचाई किसान निजी या भाड़े के पंप सेट से करने को विवश हैं. इससे किसानों का उत्पादन खर्च बढ़ रहा है. पिछले दो वर्षों की तरह इस वर्ष भी व महीने में बारिश नहीं हुई है.

जिले में कुल सिंचित क्षेत्र 98352.64 हेक्टेयर है. सरकारी स्तर पर भोरे और गोपालगंज सारण नहर प्रमंडल तथा नलकूप से सिंचाई की व्यवस्था की गई है. दोनों व्यवस्था से 42 प्रतिशत सिंचाई का लक्ष्य है. हकीकत यह है कि जिले के 84 सरकारी नलकूप और उद्वह सिंचाई के लिए लगाए गए 11 नलकूप बंद पड़े हैं. सरकारी नलकूपों के ठीक रहने पर करीब 12 हजार हेक्टेयर रकबा में सिंचाई होती है. इसी प्रकार 44 हजार हेक्टेयर में सिंचाई करने का लक्ष्य नहर से तय है. लेकिन, नहरों में पानी आने पर 22 हजार हेक्टेयर में ही सिंचाई हो पाती है. इस बार अब तक नहरों में पानी नहीं आया है. जिसके कारण किसान पूरी तरह से निजी साधनों से सिंचाई करने को विवश हैं.

प्रति बीघा गेहूं के एक पटवन में खर्च हो रहे चार से पांच हजार: सलोना के किसान राजेंद्र भगत, कुचायकोट के नागेश्वर पांडेय, बैकुंठपुर के हरेंद्र सिंह, सिधवलिया के रामा राय आदि किसानों के अनुसार भाड़े के पंपसेट से गेहूं की एक सिंचाई करने में चार से पांच हजार रुपये खर्च हो रहा है. किसानों ने बताया कि भाड़े पर प्रति घंटे 300 रुपये की दर से सिंचाई हो रही है. जिस किसान के पास अपना पंपसेट व बोरिंग है उसे प्रति बीघा दो हजार रुपये खर्च आ रहा है.

कई वर्षों से नहीं हो रही बारिश: किसानों ने बताया कि पहले माह में मकर संक्रांति के आसपास बारिश होती थी. लेकिन, चार साल से में बारिश नहीं हो रही है. सिधवलिया के मनोज तिवारी, बरौली के संजय प्रसाद, मांझा के दशरथ शर्मा गोपालगंज सदर के रमेंद्र राय आदि किसानों ने बताया कि अभी भी इस माह में बारिश हो जाए तो गेहूं की फसलों की सिंचाई की समस्या खत्म हो जाएगी. किसान मुकेश ने बताया कि इस माह में बारिश होने पर जिले में कम से कम सिंचाई के पांच करोड़ रुपये की बचत हो जाएगी.

Next Story