नालंदा: कर्ज वसूली के लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनियां गुंडे पाल रखे हैं. कर्ज लेने वाले अगर मासिक किस्त के रुपये नहीं लौट पाते हैं तो उसके घर पर पहुंचकर गुंडे उन्हें प्रताड़ित करते हैं. कई बार मारपीट कर घर से उठा ले जाने तक की धमकी देते हैं. कर्ज देने में आनाकानी करने वालों पर झूठा केस तक दर्ज कराते हैं. इस तरह के कई मामले जिले में सामने आ चुके हैं. उधर, पुलिस तक मामला पहुंचने के बाद कर्ज माफी का झांसा देकर माइक्रो फाइनेंस कंपनी के अधिकारी एफआईआर दर्ज होने से पहले ही मामले को मैनेज कर लेते हैं.
बोचहां में इस तरह का केस सामने आने के बाद पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ था. मनियारी थाना इलाके के अमरख में कर्ज वसूली के लिए महिला और उसके पति को दो दिन तक बंधक बनाकर रखा गया था. उसके परिजनों ने थाने में शिकायत की तो दोनों को मुक्त किया गया और कर्ज माफी का झांसा दे दोनों से बंधक नहीं बनाए जाने का लिखित लेकर थाने में पेश किया गया. वहीं, चैनपुर बंगरा में भी बीते सप्ताह माइक्रो फाइनेंस कंपनी के गुर्गे की दबंगई का मामला सामने आया था. स्थानीय मुखिया आरिफुर रहमान ने मामले में हस्तक्षेप किया था. इसके बाद बदमाश कर्ज लेने वाली महिला के दरवाजे से फरार हो गए. दर्जनों माइक्रो फाइनेंस कंपनियां गांव-गांव में कर्ज का नेटवर्क बना रखा है. कर्ज वसूली के लिए गुंडों को इलाका दिया जाता है. आठ से 10 गुंडे एक साथ कर्ज लेने वाले के घर पर पहुंचते हैं.
माइक्रो फाइनेंस कंपनी के द्वारा कर्ज वसूली के लिए दबाव बनाने या गुंडे के जरिए धमकी देने की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश सभी थानेदार को दिया गया है. शिकायत पर पुलिस टीम कार्रवाई करेगी.
-राकेश कुमार, एसएसपी