
बिहार सरकार ने इस सत्र से राज्य के सभी मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज में लड़कियों के लिए 33 फीसदी सीट को आरक्षित कर दिया है। फिलहाल यह नियम केवल सरकारी कॉलेजों में ही लागू होंगी। इसके लिए BCECB ने 24 जुलाई तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कम च्चाइस फिलिंग करवा लिया है। BCECB के OSD अनिल कुमार ने कहा कि केंद्रीय कोटे के तहत 15 प्रतिशत सीटों को छोड़कर बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS और डेंटल की 1150 सीटें हैं। यानी, छात्राओं के लिए 380 सीटें आरक्षित रहेगी। केंद्रीय कोटे से नामांकन समाप्त होने के बाद स्टेट कोटे से MBBS में एडमिशन होगा। वहीं इंजीनियरिंग कॉलेज के सीट में 2810 बढ़ी हैं। यानी अब सीटों की संख्या 13675 हो गई है। इनमें 4500 छात्राओं के लिए सीट आरक्षित है। इंजीनियरिंग में एडमिशन प्रक्रिया इसी सप्ताह से शुरू हो जाएगी।
दो साल पहले सीएम नीतीश कुमार ने किया था एलान
बता दें कि दो साल पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एलान करते हुए कहा था कि बिहार के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों की कम से कम 33% (एक तिहाई) सीटें लड़कियों के लिए रिजर्व हों। मुख्यमंत्री ने कहा था कि बिहार इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित करने से इन कॉलेजों में छात्राओं की संख्या और बढ़ेगी। यह यूनिक चीज होगी। इससे छात्राएं उच्च और तकनीकी शिक्षा की ओर और ज्यादा प्रेरित होंगी। उनके अनुसार, राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। कई मेडिकल कॉलेज भी खोले गए हैं। सीएम ने कहा था कि हमारा उद्देश्य है कि इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के बच्चे एवं बच्चियों को बाहर नहीं जाना पड़े।
33 फीसदी आरक्षण लागू होन से पहले ऐसी व्यवस्था थी
अनुसूचित जाति-16%
अनुसूचित जनजाति -1%
अत्यंत पिछड़ा वर्ग -18%
पिछड़ा वर्ग -12%
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग -10%
दिव्यांग -5 %
आरक्षित वर्ग की महिला - 3 %
बिहार में अभी नौकरियों में लड़की/महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण
