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बिहार के 26 शहरों का बन रहा है जीआईएस मास्टर प्लान

Admin Delhi 1
5 Jun 2023 8:33 AM GMT
बिहार के 26 शहरों का बन रहा है जीआईएस मास्टर प्लान
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गया न्यूज़: बिहार के 26 शहरों के मास्टर प्लान तैयार करने का काम चल रहा है. इन शहरों के आयोजना क्षेत्र प्राधिकार के गठन के बाद परामर्शी (कंसलटेंट) चयन का काम पूरा कर लिया गया है. अगले साल तक मास्टर प्लान तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. पटना का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है. पटना मास्टर प्लान को चौदह हिस्से में बांटकर जोनल प्लान बनाने का काम चल रहा है. इसके अलावा चार अन्य शहरों का मास्टर प्लान बनाने का काम जारी है. अब 21 अन्य शहरों का मास्टर प्लान बनाने के लिए परामर्शी चयन का काम पूरा कर लिया गया है. नगर विकास विभाग इन शहरों का जीआईएस (जियोग्राफिकल इन्फॉरमेशन सिस्टम) आधारित मास्टर प्लान तैयार करवा रहा है. वर्ष 2024 तक इन शहरों का मास्टर प्लान तैयार कर लिया जाएगा. वहीं, अब तक राज्य के 43 शहरों में आयोजना क्षेत्र प्राधिकार का गठन हो चुका है. इन सभी शहरों का मास्टर प्लान बनाया जाएगा. इसके अलावा राज्य के सभी शहरों का जीआईएस आधारित नक्शा और प्रॉपर्टी सर्वे का काम भी चल रहा है.

यहां का बन रहा मास्टर प्लान

बेगूसराय, मुंगेर एवं जमालपुर, बिहारशरीफ, राजगीर, गया, बोधगया, आरा, बक्सर, डेहरी, सासाराम, औरंगाबाद, जहानाबाद, बेतिया, बगहा, मोतिहारी, सीवान, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, दरभंगा, सहरसा, छपरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और भागलपुर.

पटना का बनेगा जोनल प्लान

पटना मास्टर प्लान 2031 बनकर तैयार है. इसे चौदह हिस्सों में बांटा गया है. इन सभी हिस्से के लिए अलग से जोनल डेवलपमेंट प्लान तैयार करने का काम चल रहा है. पटना मास्टर प्लान में पटना नगर निगम के अलावा दानापुर, खगौल, फुलवारी नगर परिषद, मनेर, नौबतपुर और फतुहा नगर पंचायत शामिल हैं. इसके अलावा बिहटा, धनरुआ, दनियावां, फतुहा, मनेर, खुसरूपुर, मसौढ़ी, नौबतपुर, पुनपुन और संपतचक प्रखंड का भी कुछ हिस्सा है.

इन शहरों के लिए परामर्शी चयन हो रहा

जमुई, लखीसराय, खगड़िया, भभुआ, फारबिसगंज, अररिया, सीतामढ़ी, मधुबनी और शिवहर

जीआईएस आधारित मास्टर प्लान के ये हैं फायदे

इस तकनीक से किसी क्षेत्र की सटीक मैपिंग होगी, जिससे जमीन, सड़क, प्रॉपर्टी की स्थिति आसानी से पता चलेगी. एक क्लिक प्लान होने से पारदर्शिता आएगी. ऑनलाइन सिस्टम होने से आम आदमी जमीन खरीदने से पहले उसकी वस्तुस्थिति जान सकेगा. विकास के लिए निर्णय शीघ्र लिए जा सकेंगे. सड़कों और रास्तों की बारीकियां होने से भूल या गलती की संभावना कम होगी.

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