बिहार

छात्राएं अपराधशास्त्रत्त् और जेनेटिक कोड की करेंगी पढ़ाई

Admin Delhi 1
28 Jun 2023 6:26 AM GMT
छात्राएं अपराधशास्त्रत्त् और जेनेटिक कोड की करेंगी पढ़ाई
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गया न्यूज़: अब वीमेंस कॉलेज की छात्राएं अपराध शास्त्रत्त्,जेनेटिक कोड और बागवानी की भी पढ़ाई करेंगी. मूल विषय के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों की भी जानकारी के लिए नए-नए कोर्स की शुरुआत की जा रही है. नामांकन लेने वाली छात्राओं को कई नए एड-ऑन कोर्स करने का मौका मिलेगा. इनमें क्रिमिनोलॉजी, बायोइंफार्मेटिक्स, बागवानी और स्पेनिश भाषा के कोर्स शामिल हैं.

बता दें कि छात्राओं को हिंदी और अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में दक्ष बनाने के लिए कॉलेज में पहले से भी जर्मन और कोरियन भाषा की पढ़ाई कराई जाती है. लेकिन इसमें अब स्पेनिश भाषा को भी जोड़ा गया है. वहीं जैवप्रोद्योगिकी विभाग की ओर बायोइन्फॉर्मेटिक्स, भौतिकी विज्ञान विभाग की ओर से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक अक्वैन्टन्स प्रोग्राम, क्रिमिनोलॉजी, बागवानी और भूदृश्य बागवानी जैसे कोर्स की शुरुआत की गई है. कोर्स करने से छात्राओं के लिए संबंधित विषयों के क्षेत्र में रोजगार पाने में सहूलियत होगी. कोर्स लगभग तीन महीने का होगा. इसे पूरा करने के बाद छात्राओं को

सर्टिफिकेट दिया जायेगा.

मालूम हो कि क्रिमिनोलॉजी कोर्स में छात्राओं को अपराध, अपराध से बचाव और इसके दुष्प्रभाव के संबंध में बताया जाएगा. वहीं बायोइन्फॉर्मेटिक्स में जेनेटिक कोड की शिक्षा दी जाएगी. बागवानी कोर्स में खेती संबंधी जानकारी तो वहीं इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक अक्वैन्टन्स प्रोग्राम में तकनीक, बिजली के उपकरणों की खराबी को ठीक करने की जानकारी मिलेगी.

कोई एक कोर्स करना अनिवार्य यह कोर्स कॉलेज की छात्राएं ही कर सकेंगी. विभिन्न संकाय मं नामांकन लेने वाली छात्राओं के लिए किसी एक कोर्स में नामांकन लेना अनिवार्य होगा.

इलेक्ट्रिकल्स उपकरणों का काम सीखेंगी घरों में पड़े इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल सामान की खराबी को छात्राएं अब अच्छे से समझ पाएंगी. इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक अंक्वेन्टन्स प्रोग्राम के तहत छात्राओं को इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से परिचित कराया जाएगा. विभिन्न विद्युत उपकरण किस तरह काम करते हैं, इस पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके बाद छात्राओं को मल्टी मीटर, वोल्टमीटर आदि उपकरणों से परिचित कराया जाएगा. इसकी मदद से छात्राएं बिजली के उपकरणों की खराबी को समझ सकेंगी और फिर उन्हें ठीक कर सकेंगी. प्रशिक्षण के बाद छात्राएं किसी भी खराब पड़े विद्युतीय उपकरण की माइनर खराबी को ठीक कर सकेंगी.

तीन माह का होगा कोर्स यह कोर्स तीन महीने का होगा. इसमें तीस सीटें होंगी. तीन महीने के इस कोर्स में छात्राओं को 90 घंटे की अवधि को पूरा करना होगा.

कोर्स की समाप्ति के बाद छात्राओं को सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इसके साथ ही कोर्स पूरा करने के बाद छात्राओं के परीक्षा परिणाम में क्रेडिट में जुटेगा. इसके लिए विभिन्न संकाय की छात्राएं आवेदन दे सकेंगी. नामांकन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लिये जाएंगे. कोर्स पूरा होने के बाद छात्राओं को कई तरह के फायदे होंगे.

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