बिहार

जीनोम क्लब बढ़ाएगा जर्दालू आम व मखाना की उत्पादकता

Admin Delhi 1
5 April 2023 11:02 AM GMT
जीनोम क्लब बढ़ाएगा जर्दालू आम व मखाना की उत्पादकता
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भागलपुर न्यूज़: बिहार कृ़षि विश्वविद्यालय (बीएयू) को एक नई परियोजना की सौगात मिली है. विश्वविद्यालय में मॉडल जीनोम क्लब बनाया जाएगा. ये क्लब राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 59.10 लाख रुपये की लागत से बनाया जाएगा. इसकी वित्तीय स्वीकृति कृषि विभाग पटना से मिल गयी है. इसकी स्थापना के साथ ही परंपरागत बीजों को बचाने की दिशा मे कार्य किया जा सकेगा. साथ ही विलुप्तीकरण की कगार पर खड़े जर्दालु आम व मखाने का उत्पादन जागरूकता के जरिये बढ़ाने में मदद मिलेगी.

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि मॉडल जीनोम क्लब की स्थापना का लाभ न केवल बिहार के किसान, बल्कि पड़ोसी राज्य झारखंड, पश्चिम बंगाल व यूपी के किसान भी लाभान्वित होंगे. उन्होंने बताया कि बिहार बहुत से किसान एवं इससे जुड़े संगठन हैं जो जैव-विविधता एवं परंपरागत किस्मों को बचाने का कार्य करते हैं. क्लब द्वारा विभिन्न फसलों के पुराने एवं परंपरागत बीजों के संरक्षण कर रहे किसानों और किसान समूहों को सम्मानित किया जाएगा साथ ही उपलब्ध पौध जैव- विविधता और विभिन्न फसलों की परंपरागत एवं पुरानी किस्मों के बीजों का समुचित आकलन एवं प्रलेखन किया जाएगा. क्लब के जरिये किसानों, वैज्ञानिकों, स्कूली बच्चों आदि में प्रशिक्षण के माध्यम से जैव विविधता के संरक्षण और बौद्धिक संपदा अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाने का कार्य करेगा.

बीएयू के कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने बताया कि मॉडल जीनोम क्लब की स्थापना एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. पुरानी एवं परंपरागत किस्मों का बचाव बहुत ही जरूरी है. इन किस्मों की उपज भले ही कम हो लेकिन इनमें गुणवत्ता, रोग एवं कीट प्रतिरोधक क्षमता छिपी होती है. जिसका इस्तेमाल करके नयी एवं उन्नतशील किस्में तैयार की जा सकती हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि ये परियोजना बिहार के किसानों के लिए वरदान साबित होगी.

बिहार का पहला मॉडल जीनोम क्लब होगा

इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक सह पौधा प्रजनन विभाग बीएयू के सहायक प्राध्यापक डॉ. सत्येंद्र बताते हैं कि इस क्लब के जरिये परंपरागत व पुरानी बीजों की किस्में जो विलुप्तिकरण के कगार पर हैं उन्हें न केवल संरक्षित किया जाएगा, बल्कि किसानों एवं आम जनता के बीच जागरूक किया जा सकेगा. मॉडल जीनोम क्लब बिहार का पहला क्लब होगा. इसकी स्थापना से बिहार के पड़ोसी राज्य यूपी, झारखंड व बंगाल के किसान लाभान्वित होंगे.

क्लब से होगी पौध किस्मों की डीएनए फिंगर प्रिंटिंग

पीआरओ डॉ. कुमार ने बताया कि मॉडल जीनोम क्लब के जरिये परियोजना के अंतर्गत औधौगिक, व्यवसायिक, चिकित्सा एवं सौन्दर्य समेत विभिन्न दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण पौध किस्मों की पहचान कर उत्पादन दायरे को बढ़ाने की संभावना का आकलन भी किया जाएगा. विभिन्न पौध किस्मों के डीएनए फिंगर-प्रिंटिंग और बार-कोडिंग का कार्य किया जाएगा. तीन वर्ष की अवधि के बाद परिजोजना को प्रगति एवं वित्तीय आकलन कर इसे आगे बढ़ाया जाएगा.

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