गया: सरपंच और ग्राम कचहरी द्वारा बनाई गई वंशावली मान्य नहीं होगी. इस संबंध में पंचायती राज विभाग ने सभी डीएम को पत्र जारी किया है. साथ ही निर्देश दिया है कि सूबे में जहां कहीं ग्राम कचहरी और सरपंच द्वारा वंशावली बन रही है, उसपर तत्काल रोक लगाएं.
पंचायती राज विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी आलोक कुमार की ओर से 28 जुलाई को जारी पत्र में कहा गया है कि बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 90 से 120 तक में ग्राम कचहरी एवं उनके न्यायपीठों की स्थापना, शक्तियां, कर्तव्य और प्रक्रिया के बारे में प्रावधान है. ग्राम कचहरी का गठन मुख्यत ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले छोटे-मोटे विवादों का सौहार्दपूर्ण निपटारा करने के उद्देश्य से किया गया है. बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 एवं बिहार ग्राम कचहरी संचालन नियमावली 2007 में फौजदारी एवं दीवानी मामलों को छोड़कर अन्य किसी तरह के कार्य करने की जिम्मेदारी सरपंच को नहीं है. इसलिए सरपंच व ग्राम कचहरी को वंशावली बनाने का कोई अधिकार नहीं है. इस वजह से उठाना पड़ा कदम प्रदेश के कई जिलों से ऐसी शिकायत मिल रही थी कि ग्राम कचहरी या सरपंच द्वारा वंशावली तैयार की जा रही है. इसी आधार पर अंचल कार्यालयों में रैयतों द्वारा पैतृक भूमि के बंटवारे का दावा किया जाने लगा. बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आने लगे. इसके बाद विभाग को यह आदेश जारी करना पड़ा.