बिहार

गया जिला प्रशासन में पितृपक्ष मेले को लेकर वेबसाइट और मोबाइल एप किया लॉन्च, मिलेगी यह खास सुविधायें

Admin4
23 Sep 2023 7:02 AM GMT
गया जिला प्रशासन में पितृपक्ष मेले को लेकर वेबसाइट और मोबाइल एप किया लॉन्च, मिलेगी यह खास सुविधायें
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गया। बिहार के गया के ज़िला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम द्वारा पितृपक्ष मेला महासंगम 2023 के अवसर पर तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु आईवीआरएस जिसका नम्बर 9266628168, मोबाइल ऐप पिंडदान गया तथा वेबसाइट का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर ज़िला पदाधिकारी ने कहा कि पहले की तुलना में वर्तमान वर्षों में तीर्थ यात्रियों की सुविधा को सरल बनाने को लेकर बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन हमेशा तत्पर रहा है। विभिन्न जानकारियां व शिकायतों अथवा यात्रियों की मदद हेतु जिला प्रशासन द्वारा अनेकों कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिंडदान ऐप एवं वेबसाइट का लोकार्पण किया गया। इसके अलावा आईवीआरएस का लोकार्पण किया गया है। इसमें घर बैठे बैठे देश-विदेश के कोने-कोने के तीर्थयात्री अपनी जरूरत के अनुसार पूरी जानकारी ले सकते हैं, जो भी तीर्थयात्री, गया आने के पहले तैयारियां के संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तीर्थ यात्रियों की जो भी समस्याएं अथवा परेशानी हो वह कम से कम हो, इसके लिए लगातार कार्य जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए होटल, वाहनों की व्यवस्था, पंडा जी का सूची, परिवहन व्यवस्था पर्यटक स्थलों का सूची इत्यादि का पूरी जानकारी वेबसाइट, ऐप तथा आईवीआरएस पर उपलब्ध है। आईवीआरएस के तहत सीधे तौर पर कॉल फ्लो स्थापित कराने की व्यवस्था रखी गई है। जिसके माध्यम से एक के बाद एक नंबर डाइवर्ट होते रहेगा और सीधे-सीधे संबंधित पदाधिकारियों से सीधा संवाद करते हुए अपनी शिकायतों का समाधान करवा सकते हैं। इसका डैशबोर्ड के माध्यम से भी निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए प्रशिक्षण भी सभी संबंधित पदाधिकारियों को दिया जा चुका है। इसके अलावा कंट्रोल रूम में हंटिंग लाइन की भी व्यवस्था रखी गई है, जिसमें लोग अपने कॉल करके अपनी समस्या तथा जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं। कंट्रोल रूम का नंबर है। मे आई हेल्प यू डेस्क भी मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर स्थापित कराया जा रहा है। मे आई हेल्प यू जैकेट पहनकर वालंटियर भी मेला क्षेत्र में क्रियाशील रहेंगे, जो विभिन्न तीर्थ यात्रियों को मदद करेंगे। इस वर्ष 9 अलग अलग भाषा मे रेडियो जिंगल भी बनाया गया है, जहाँ यात्री अपने भाषा मे जानकारियां ले सकेंगे।
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