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मौसम में बदलाव के साथ शहर में डेंगू के मामले बहुत तेजी से बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं. यही नहीं इस बार डेंगू के नये-नये तरह के केस आने की वजह से लोगों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ गयी है. वहीं जिले में इस सीजन में एडीज मच्छरों के साथ ही क्यूलेक्स (मादा) मच्छर भी एक्टिव हो गये हैं. पीएमसीएच के मायक्रोबॉलोजी विभाग में आये सैंपल की जांच में क्यूलेक्स मच्छर के काटने से डेंगू होने की पुष्टि की गयी है. लैब के जांच में पता चला है कि अब तक करीब 1600 से अधिक डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है. इनमें 40 प्रतिशत क्यूलेक्स व बाकी 60 प्रतिशत एडीज मच्छर के काटने से डेंगू के शिकार मरीज हुए हैं. जिले में बीते 10 दिन में अब तक पांच मरीजों की डेंगू से मौत भी हो चुकी है. जिसको देखते हुए डॉक्टरों ने मच्छर को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.
पटना जिले में अब तक मिल चुके हैं 4900 से अधिक मरीज
सिविल सर्जन डॉ केके राय ने बताया कि विगत 20 दिन के अंदर डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. मंगलवार तक जिले में 4849 के पार डेंगू मरीजों का आंकड़ा मिल चुका है. वहीं अलग-अलग लैब के रिपोर्ट में पाया गया है कि एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू के मरीज बढ़े हैं. इसके अलावा क्यूलेक्स मादा मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ी है. मच्छर को भगाने के लिए नगर-निगम से मिल कर अलग-अलग मुहल्लों में युद्ध स्तर पर फॉगिंग कराया जा रहा है. इस मच्छर के काटने से फैलेरिया होने की आशंका बनी रहती है. हालांकि अभी तक कोई केस सामने नहीं आया है. एडीज मच्छर के काटने से यह होती है बीमारी एडीज मच्छरों के काटने से डेंगू बुखार, पीला बुखार, जीका वायरस और चिकनगुनिया सहित कई बीमारियों हो सकती हैं. एडीज में चार चरण होते हैं. अंडे, लार्वा, प्यूपा और वयस्क. वे ताजे पानी में अंडे देते हैं. लार्वा आठ खंडों में बटे होते हैं और पानी की सतह तक विशिष्ट रूप से तैरते हैं.
क्यूलेक्स मच्छर से हो सकती है यह बीमारी
क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से वेस्ट नाइल वायरस, जापानी एन्सेफलाइटिस और फाइलेरिया सहित मानव को कई बीमारियों की होने की संभावना बनी रहती है. क्यूलेक्स मच्छर प्रदूषित पानी में अंडे देते हैं. उनके अंडे सिगार के आकार के होते हैं और उनमें हवा की कमी होती है. लार्वा पानी की सतह तक विशिष्ट रूप से तैरता है. इसका प्यूपा रंगहीन होता है.
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