गैबियन घोटाला जेई व पीओ समेत 4 कर्मियों से 3 लाख होगी वसूली
नालंदा: नूरसराय की बड़ारा पंचायत में मनरेगा से पौधरोपण कार्यक्रम में अनियमितता मिली है. इसमें नियमों को ताक पर रखकर तीन लाख 18 हजार 140 रुपए का दुरुपयोग हुआ है. जेई व पीओ समेत चार कर्मियों से इस राशि की वसूली की जाएगी. गुणवत्ता व मापदंड के अनुसार गैबियन नहीं लगे. इस कारण सैकड़ों पौधे मृत हो गए. पौधे मृत होने के बाद भी वनपोषकों को भुगतान किया गया. इन कर्मियों से 15 दिनों में यह राशि वसूलने का आदेश दिया गया है. इसका जिक्र राज्य स्तरीय जांच टीम ने भी की है. दो योजनाओं की जांच जिला स्तर से गठित तीन सदस्यीय दल ने की थी. उसके द्वारा भी योजना क्रियान्वयन से जुड़े लोगों को दोषी ठहराया गया है. पूरे प्रकरण की दोहरी जांच के बाद सरकारी राशि अपव्यय करने के आरोप में अब पीओ, पीटीए, पीआरएस व जेई से उक्त राशि की वसूली की जाएगी.
जेई से 63 हजार 268, पीटीए से 95 हजार 442, पीआरएस से एक लाख 27 हजार 756 तो पीओ से 31 हजार 814 रुपए वसूले जाएंगे. डीडीसी वैभव श्रीवास्तव ने 15 दिनों में राशि जमा करने का फरमान सुनाया है. इस मामले की जांच दो जुलाई 2021 में करायी गयी थी. उधर, पशु शेड की निजी योजना में वंचित व पिछड़े वर्ग को प्राथमिकता नहीं दी गयी. योजना का क्रियान्वयन पंचायत प्रतिनिधि के माता-पिता के नाम पर किये जाने का भी आरोप है. पूरे पंचायत में किसी भी अन्य परिवार को योजना का लाभ नहीं दिया गया है. जांच दल ने यह भी कहा है कि योजना के क्रियान्वयन में प्रतिनिधि पंचायत रोजगार सेवक एवं पंचायत तकनीकी सहायक के मिलीभगत से वंचित परिवार को लाभ नहीं पहुंचाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है. यह विभागीय आदेश व मनरेगा नियमों के खिलाफ है. पीओ द्वारा भी निरीक्षण नहीं किया गया है. जबकि, भुगतान के पहले निरीक्षण के बाद ही भुगतान करना है. कर्मी व अन्य द्वारा दिये गए स्पष्टीकरण को भी संतोषजनक नहीं बताया गया था.